कोई नंगा तन न देखा जाएगा
और द्रवित मन न देखा जाएगा
गूंजती हैं कानो में किलकारियां
सूना सा आँगन न देखा जाएगा
होटलों में चाय कॉफी शॉप पर
चीखता बचपन न देखा जाएगा
उम्र से पहले जो बूढ़े हो गए
उनसे अब यौवन न देखा जाएगा
रोज़ दिल की वेदना में डूबती
आँखों का अनशन न देखा जाएगा