तुं ही है अभी मंजर में आ देख बहुजनो के बंजर मेंअभी तो सोया हुआ है,कुम्भकर्ण सी नींद में, तुझे जो करना है कर ले अभी हीजागेगा जब बंजर सारा, तेरा मंजर बदल देगा....वक्त की नजाकत का फायदा लिया है तूनेअपने लोगो को सत्ता में देखलाडला बनवाया है तुझेमोहरा जब उतरेगा,वह कफ़न किसी और का पुकारेगा,वह हाल बस होगा,