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कुमार किशन कीर्ति के बारे में

युवा लेखक।

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कुमार किशन कीर्ति की पुस्तकें

बूढ़ी अम्मा

बूढ़ी अम्मा

इस किताब में सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को दर्शाया गया है।मानव विकास तो कर रहा है,मगर रिश्तों की अहमियत को भूल रहा है।

2 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

बूढ़ी अम्मा

बूढ़ी अम्मा

इस किताब में सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को दर्शाया गया है।मानव विकास तो कर रहा है,मगर रिश्तों की अहमियत को भूल रहा है।

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निःशुल्क

भला आदमी

भला आदमी

इस किताब में सामाजिक समस्याओं के बीच प्यार के खट्टे_मिट्ठे अनुभवों को दर्शाया गया है।

निःशुल्क

भला आदमी

भला आदमी

इस किताब में सामाजिक समस्याओं के बीच प्यार के खट्टे_मिट्ठे अनुभवों को दर्शाया गया है।

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कुमार किशन कीर्ति के लेख

मातृदिवस

21 अप्रैल 2024
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सभी लड़के _लड़कियां मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं अपनी_अपनी मां को भेज रहे थे।कोई अपनी मां के लिए कविता लिख रहा था,तो कोई अपनी मां के साथ सेल्फी ले रहा था।कोई तो अपनी मां की आज आरती उतार रहा था।मतलब

दहेज

15 अप्रैल 2024
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भीखू उदास मन से अपनी झोपड़ी के बाहर बैठा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि मानो मन _ही मन किसी गहरी समस्या से उलझा हुआ है। मई का महीना था। उस दिन ज्यादा गर्मी पड़ने के कारण वह रिक्शा चलाने भी नहीं गया। पत्नी द

भला आदमी

15 अप्रैल 2024
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सुबह का समय था। मै बरामदे में बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा था। इसी बीच, मुझे शोर_गुल सुनाई पड़ा। मै अखबार को वही मेज पर रख कर आवाज की तरफ चल दिया। जैसे ही मैं अपनी द्वार से बाहर आया, देखा मेरे घर से थोड़ी ह

देवी मां

14 अप्रैल 2024
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नौ साल का गरीब लड़का दौड़ता हुआ अपनी विधवा मां के पास जाकर बैठ गया।वह हाफ रहा था। उसकी ऐसी स्थिति देखकर मां बोली"क्या बात है मोहन? इतना हाफ क्यों रहे हो?"अपनी मां की बात सुनकर मोहन बोला"मां, मेरे सभी

अछूत लड़की

14 अप्रैल 2024
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"यह लीजिए दीनानाथ जी,आपकी आवेदन को मैंने टाइप कर दिया है।आप इसे अपने प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास लेकर चले जाइए।"टाइप करने वाले ने रुपए अपनी जेब में रखते हुए कहा।दीनानाथ यह सुनकर बोले"यह सब

प्यार का पहला खत

14 अप्रैल 2024
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रविवार का दिन था। ऑफिस बंद था।आज कोई काम करने का मन नहीं कर रहा था, और ना ही कुछ लिखने का मन कर रहा था। हां, इसी क्रम में मुझे चाय पीने का मन हुआ,तब मैंने अपनी श्रीमती को आवाज लगाई"अरे दीपांजलि,जरा मे

बूढ़ी अम्मा

12 अप्रैल 2024
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आज बूढ़ी अम्मा उदास है।अकेली है। कहने को तो चार बेटे है, मगर केवल नाम के है। कमरे के एक कोने में बूढ़ी अम्मा बैठी रहती है। जो मिलता वह खा लेती।जो मिलता पहन लेती, मगर कभी किसी भी बेटे से शिकायत नहीं कर

शायरी

26 नवम्बर 2021
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<p>1अगर इश्क़ हादसा है तो इससे गुजरने दो</p> <p>दो दिलों को इसमें घायल होने दो।</p> <p>2अधूरा है चाँद

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किताब पढ़िए