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भला आदमी

15 अप्रैल 2024

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सुबह का समय था। मै बरामदे में बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा था। इसी बीच, मुझे शोर_गुल सुनाई पड़ा। मै अखबार को वही मेज पर रख कर आवाज की तरफ चल दिया। जैसे ही मैं अपनी द्वार से बाहर आया, देखा मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर मेरे मोहल्ले के लोग इकट्ठा हुए हैं। आखिर बात क्या है? यही सोचकर मैं भी गया। देखा, मेरे चीर_परिचित मित्र घनश्याम एक रिक्शे वाले से उलझ रहा है। जैसे ही, उसने मुझे देखा तो हैरान होकर बोला"अरे भाई तुम ही अब फैसला करो।"तब, सबसे पहले मैने अपनी सूझबूझ से वहां इकट्ठा हुए भीड़ को चले जाने का निवेदन किया।
चुकी, सारे मोहल्ले में मेरे स्वभाव के कारण सभी लोग मेरी बहुत ही इज्जत करते हैं, और ज्यादातर मेरी बातों को मानते हैं। इस तरह,है सभी लोग चले गए तब मैंने झगड़े का कारण पूछा।तब, मुझे मालूम हुआ कि मेरे मित्र घनश्याम से रिक्शेवाला वाजिब रुपए मांग रहा था, जबकि उनको ज्यादा रुपए लग रहा था। खैर, किसी प्रकार से मैंने विवाद को सुलझा दिया, और रिक्शेवाले को रुपए दिलवाकर अपने मित्र से अलविदा कहा। चुकी, मुझे ऑफिस जाना था।
जब घर आया तो पत्नी शालिनी चाय रखकर मेरा इंतजार कर रही थी। मुझे देखकर बोली"कहां चले गए थे?"तब, मैंने सारी बाते बताई,और शालिनी से कहां"घनश्याम,जब कम रुपए कमाता था तब गरीबों की मजबूरी समझता था।आज उसे बेहतरीन काम मिल गया है। अच्छा _खासा रुपए कमा रहा है। जब आर्थिक स्थिति खराब थी,तब बेचारा भला आदमी कहलाता था। मगर,आज...  ।"इतना कहकर मैं चाय पीने लगा।तब शालिनी बोली"क्या रुपए सच में भले आदमी को भी बदल देती है?"यह सुनकर मैं मुस्कुराते हुए बोला"शालिनी,आज के जमाने में कोई भी भला आदमी नहीं है। हां, इतना तो मान लो। भला आदमी वही हो सकता है जिसके पास गरीबी है।"इतना कहकर मैंने चाय को समाप्त किया, और ऑफिस जाने के बाद तैयार होने लगा।
मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर और सजीव लिखा है आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏🙏

25 अप्रैल 2024

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रचनाएँ
भला आदमी
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इस किताब में सामाजिक समस्याओं के बीच प्यार के खट्टे_मिट्ठे अनुभवों को दर्शाया गया है।
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प्यार का पहला खत

14 अप्रैल 2024
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रविवार का दिन था। ऑफिस बंद था।आज कोई काम करने का मन नहीं कर रहा था, और ना ही कुछ लिखने का मन कर रहा था। हां, इसी क्रम में मुझे चाय पीने का मन हुआ,तब मैंने अपनी श्रीमती को आवाज लगाई"अरे दीपांजलि,जरा मे

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अछूत लड़की

14 अप्रैल 2024
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"यह लीजिए दीनानाथ जी,आपकी आवेदन को मैंने टाइप कर दिया है।आप इसे अपने प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास लेकर चले जाइए।"टाइप करने वाले ने रुपए अपनी जेब में रखते हुए कहा।दीनानाथ यह सुनकर बोले"यह सब

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देवी मां

14 अप्रैल 2024
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नौ साल का गरीब लड़का दौड़ता हुआ अपनी विधवा मां के पास जाकर बैठ गया।वह हाफ रहा था। उसकी ऐसी स्थिति देखकर मां बोली"क्या बात है मोहन? इतना हाफ क्यों रहे हो?"अपनी मां की बात सुनकर मोहन बोला"मां, मेरे सभी

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भला आदमी

15 अप्रैल 2024
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दहेज

15 अप्रैल 2024
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भीखू उदास मन से अपनी झोपड़ी के बाहर बैठा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि मानो मन _ही मन किसी गहरी समस्या से उलझा हुआ है। मई का महीना था। उस दिन ज्यादा गर्मी पड़ने के कारण वह रिक्शा चलाने भी नहीं गया। पत्नी द

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मातृदिवस

21 अप्रैल 2024
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सभी लड़के _लड़कियां मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं अपनी_अपनी मां को भेज रहे थे।कोई अपनी मां के लिए कविता लिख रहा था,तो कोई अपनी मां के साथ सेल्फी ले रहा था।कोई तो अपनी मां की आज आरती उतार रहा था।मतलब

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