सभी लड़के _लड़कियां मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं अपनी_अपनी मां को भेज रहे थे।कोई अपनी मां के लिए कविता लिख रहा था,तो कोई अपनी मां के साथ सेल्फी ले रहा था।कोई तो अपनी मां की आज आरती उतार रहा था।मतलब.... मातृ दिवस के अवसर पर हर कोई अपने _अपने ढंग से मां के दिल में जगह बनाने की कोशिश कर रहा था। मगर.... भीड़ वाली बाजार में चौराहे के कोने में विशाल आम के नीचे एक बुढ़िया फूल बेच रही थी।
आने _जाने वाले लोग मातृ दिवस के अवसर पर उससे फूल खरीद रहे थे। फटी_पुरानी और पैबंद लगी साड़ी को पहनी हुई वह बुढ़िया बस,फूल बेची जा रही थी। उम्र लगभग पचहत्तर से अस्सी हो रही होगी। मै बहुत देर तक उसे देख रहा था। चेहरे पर उदासी के बादल भी नजर आ रहे थे।
तभी मैंने सोचा की क्यों ना कुछ फूल मैं भी खरीद लूं। फिर मैंने उससे मोलभाव तय किया,और कुछ फूल खरीद लिए। जाते समय मेरे मन में यही सवाल पैदा हुआ कि आज सभी युवावर्ग, बुद्धिजीवी लोग मातृ दिवस मना रहे हैं।तब वह बूढ़ी मां किसकी है?जो इस उम्र में भी फूल बेचकर गुजारा कर रही है।क्या इस सवाल का जवाब है समाज के पास?