भूमिका :
जब हम महान उद्देश्य लेकर चलते हैं, महान अभियान पर चलते हैं;
बड़े महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण करने केलिए हम सब मिलजुल कर आगे बढ़ते हैं;
तब हम उद्देश्य प्राप्ति केलिए संवाद करते हैं।
तब हम वास्तविकता से जुड़ते जाने केलिए संवाद करते हैं;
जीवन को अच्छा बनाने केलिए संवाद करते हैं।
ऐसे संवाद में, कभी सहमति होगी, कभी असहमति होगी;
तभी तो सार्थकता है, तभी तो स्पष्टता प्राप्त होगी।
इसके लिए हम आपस में, अपना अपना निजी मत, विचार आदी स्पष्टता से बतलाते हैं;
सहयोग करते हैं, तभी आगे बढ़ पाते हैं ।
... .. .. .. हम हिंदी केलिए आपस में संवाद करें। . . ... . . .
*** क्या भात से चावल बनता है ? ***
( तुमने ठीक पढ़ा, क्या भात से चावल बनता है ? )
सभी जानते हैं कि चावल को पका कर भात बनाते हैं;
पर कुछ लोग बोलचाल में भात को चावल बना देते हैं।
इस को लेकर कुछ चर्चा करते हैं।
(अ ) - पहला भाग :
हिंदी में ' धान ', ' चावल ', और ' भात ' तीन शब्द हैं।
" धान बोया जाता है। "
" जो फसल होती है वो धान की फसल कहलाती है। "
" धान का भूसा ( ऊपर का छिलका ) निकालने से चावल प्राप्त होता है।"
" चावल को पकाने से भात बनता है। "
(ब ) - दूसरा भाग :
ब- 1:
" हम कच्चे चावल को पका कर खाते हैं। "
" हम पके चावल खाते हैं, हम कच्चे चावल नहीं खाते हैं। "
हमारे पास हिंदी में कच्चे चावल के लिए ' चावल ' शब्द है। और पके चावल केलिए ' भात ' शब्द है। यदि हम इन शब्दों को काम में लाएं तो है कह सकते हैं कि
" हम चावल को पका कर खाते हैं। "
" हम भात खाते हैं, हम चावल नहीं खाते हैं। "
ब- 2:
अब एक वाक्य और हैं; "आज भात थोड़ासा कच्चा रह गया, यह पूरा पका नहीं है। "
अब यही बात कहते हैं और ' भात ' शब्द उपयोग न करें, तब निम्न वाक्य बनाना होगा;
" आज पका चावल थोड़ासा कच्चा रह गया, यह पूरा पका नहीं है। "
इस तरह से कहना अटपटा है।
( स ) - 1:
क्या हम ' पके हुए चावल' केलिए 'भात ' शब्द को ही काम में लाएं।
( स ) - 2:
कुछ लोग ' भात ' शब्द के स्थान पर ' चावल ' शब्द क्यों उपयोग में लाने लगे, कोई इस पर प्रकाश डाले।
( द )
यह मेरे लिए हिन्दी के ज्ञान को बढ़ाने और सुधारने का मंच है। मेरा एक एक से निवेदन है कि इसमें मेरी सहायता करें। कृपया बताए इस लेख में क्य क्या अशुद्धियाँ / गलतियां हैं.
उदय पूना
९२८४७ ३७४३२;
92847 37432;
विशेष : आओ हिंदी भाषा को लेकर कुछ चर्चा करें, संवाद करें, हिंदी की सेवा करें।