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योगी भी आ गए बाबा भी आ गये मिल के यारों दोनों देश में हैं छा गये देश में तिरंगा जम के लहराओ.....
मनुष्य का लालच बहुत बढ़ गया है कि उसने रिश्ते - नाते, दोस्त, सगे- सम्बन्धी सबको कहीं किनारे पीछे ही छोड़ दिया है... . वह मजबूर नहीं है पर सबसे रिश्ते ख़राब कर रहा है कोई उसकी खुशियों में दख
यू.पी में जब से बाबा योगी आए बाबा योगी आए.... यू.पी में गुंडे कतई टिक न पाये...... कतई टिक न पाये...... भगोड़ो के घर में दंगाइयों के घर में आतंकियों के मन में बिलडोज़र चलवाये यू.पी में गु
सुबह उठ कर उसे याद करना... ये भी तो इश्क़ है !! उनके लिए सजना - संवरना .... ये भी तो इश्क़ है !! पल भर की मुलाकात को तरसना... ये भी तो इश्क़ है !! हर पोस्ट को उनकी बार - बार पढ़ना..... ये भी
महिलाएं भी अब देश की मदिरा को तरसे बेवड़ो की टोलियाँ मदिरा को तरसे यार मेरे गजब हो जाये अम्बर से जो मदिरा बरसे लेकर दौड़ेंगे संग अपने बोतल, मटका और गिलास एक के ऊपर एक गिरेंगे जम के सार
मैंने सोचा लिख दूँ तुमको प्रेम पत्र एक प्रेम भरा मन के नटखट भावो से है मेरा.... प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा अब तुम्हे बतलाऊँ कब मैंने तुमको देखा था मुग्ध हुआ था उस पल जिस पल तुमको मैं
अच्छा समय आने का गरीबी कम हो जाने का अच्छी सरकार के आने का लोकतंत्र मजबूत हो जाने का मैं इंतजार कर रहा हूँ... शिक्षा स्तर बढ़ जाने का बेरोजगारी कम हो जाने का रुके कामो को पूरा हो जाने क
लिख दूँ तो नाराज न होना हम बदलेंगे तुम बदलोगे एक दिन तुम सब मिलकर भारत माँ की जय बोलोगे लिख दूँ तो नाराज न होना हम बदलेंगे तुम बदलोगे ख़तम करेंगे जात - पात के मतभेदो को जन - जन को खुशहा
गैरो में अपने हो तुम मेरे दिल की धड़कन हो तुम
मुझे हर कीमत पर तेरा दीदार करना आता है न प्रेम करना आता है न इजहार करना आता है मुझे तो तेरे सिंगार का हक़दार बनना आता है ख्वाहिशों को तेरी पूरा करना आता है मुझे हर कीमत पर तेरा दीदार