0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
जिंदगी में वही शख्स सफल बन पाया है जिसने बचपन में खुद को धूप में तपाया है.....
जीवन हमेशा उम्मीदों के विपरीत खेलता है चंद रुपयो में इंसान अपना ईमान बेचता है इच्छाओं को पूरा करने के लिए, इंसा मज़बूर शख़्स के अरमानो से खेलता है...
तेरे लब छू लेने को दिल चाहता है तेरी गोद में सोने को जी चाहता है मांग में तेरी सिंदूर भरकर तुझे अपना बनाने को जी चाहता है .
हर समय तेरा इंतजार करता हूँ हर जगह तुझे महसूस करता हूँ ढूंढने से भी न मिलेगा तुझे मुझ सा आशिक़ बेइंतहा में तुझे प्यार करता हूँ .
गली से जाते हुए उसे निहारता हूँ रोज में मन ही मन उसे बेइंतहां चाहता हूँ रोज में उससे मिलने को रोज बेक़रार हूँ में हकीकत से ख्वाबो तक उसके ही साथ हूँ में
हर गली घूमे चौराहा घूमे तुम्हारी तलाश में... प्यासे घूमे भूखे घूमे तुम्हारी तलाश में... जब थक गए ढूंढते ढूंढते तुमको पेड़ के नीचे बैठे तुम्हारी तलाश में... आंखे बंद कि तो तुम्हे पाया अपने
स्त्री प्रकृति है साधना है विश्वास है पुरुष के लिए सौंदर्य है समर्पण है आत्मिश्वास है स्त्री देवी है पत्नी है परिवार है स्त्री इस समस्त संसार का आधार है
लौट आओ, समा जाओ, मेरी रूह में... मेरी सिर्फ मेरी अप्सरा बन जाओ मेरी ज़िन्दगी में...
मानवता को छोड़ मनुष्य ने नैतिकता को बिसराया है हिन्दू - मुस्लिम के चक्कर में, देश को दहलाया है ... इन्हे अपना धर्म चाहिए धर्म चाहिए कुछ और नही, सोच ये विकसित करें कि देश से ऊपर हम नहीं और धर्
खुशियां ढूंढ ली है मैने तुम्हे पाकर वो भी बहुत खुश है मुझे पाकर...
लालच की हद पार कर गए हो तुम शादी में, अपनी जिद में अड़ गए हो तुम क्या दहेज चाहिए तुम्हे ? क्या मुझे पाकर खुश नहीं हो तुम ? कन्या दान कर पिता मेरे खुश बहुत है मुझे पाकर भी खुश नहीं हो तुम....
मुझे हर कीमत पर तेरा दीदार करना आता है न प्रेम करना आता है न इजहार करना आता है मुझे तो तेरे सिंगार का हक़दार बनना आता है ख्वाहिशों को तेरी पूरा करना आता है मुझे हर कीमत पर तेरा दीदार
गैरो में अपने हो तुम मेरे दिल की धड़कन हो तुम
लिख दूँ तो नाराज न होना हम बदलेंगे तुम बदलोगे एक दिन तुम सब मिलकर भारत माँ की जय बोलोगे लिख दूँ तो नाराज न होना हम बदलेंगे तुम बदलोगे ख़तम करेंगे जात - पात के मतभेदो को जन - जन को खुशहा
अच्छा समय आने का गरीबी कम हो जाने का अच्छी सरकार के आने का लोकतंत्र मजबूत हो जाने का मैं इंतजार कर रहा हूँ... शिक्षा स्तर बढ़ जाने का बेरोजगारी कम हो जाने का रुके कामो को पूरा हो जाने क
मैंने सोचा लिख दूँ तुमको प्रेम पत्र एक प्रेम भरा मन के नटखट भावो से है मेरा.... प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा अब तुम्हे बतलाऊँ कब मैंने तुमको देखा था मुग्ध हुआ था उस पल जिस पल तुमको मैं
महिलाएं भी अब देश की मदिरा को तरसे बेवड़ो की टोलियाँ मदिरा को तरसे यार मेरे गजब हो जाये अम्बर से जो मदिरा बरसे लेकर दौड़ेंगे संग अपने बोतल, मटका और गिलास एक के ऊपर एक गिरेंगे जम के सार
सुबह उठ कर उसे याद करना... ये भी तो इश्क़ है !! उनके लिए सजना - संवरना .... ये भी तो इश्क़ है !! पल भर की मुलाकात को तरसना... ये भी तो इश्क़ है !! हर पोस्ट को उनकी बार - बार पढ़ना..... ये भी
यू.पी में जब से बाबा योगी आए बाबा योगी आए.... यू.पी में गुंडे कतई टिक न पाये...... कतई टिक न पाये...... भगोड़ो के घर में दंगाइयों के घर में आतंकियों के मन में बिलडोज़र चलवाये यू.पी में गु
मनुष्य का लालच बहुत बढ़ गया है कि उसने रिश्ते - नाते, दोस्त, सगे- सम्बन्धी सबको कहीं किनारे पीछे ही छोड़ दिया है... . वह मजबूर नहीं है पर सबसे रिश्ते ख़राब कर रहा है कोई उसकी खुशियों में दख
योगी भी आ गए बाबा भी आ गये मिल के यारों दोनों देश में हैं छा गये देश में तिरंगा जम के लहराओ.....