मैंने सोचा लिख दूँ तुमको
प्रेम पत्र
एक प्रेम भरा
मन के नटखट भावो से
है मेरा....
प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा
अब तुम्हे बतलाऊँ
कब मैंने तुमको देखा था
मुग्ध हुआ था उस पल
जिस पल
तुमको मैंने देखा था
मन के नटखट भावो से
है मेरा....
प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा
लाल रंग का सूट तुम्हारा
बहुत ही तुम पर जमता था
हरे रंग का दुपट्टा तुम्हारा
चेहरे पर
बहुत दमकता था
मन के नटखट भावो से
है मेरा....
प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा
मंदिर ढूंढा
मस्जिद ढूंढा
ढूंढा गली - गलियारों में
कोई न चौराहा छोड़ा
और ढूंढा अलग - अलग बाज़ारो में
सोचता था तुमको
बंद कमरों की तन्हाई में
मन के नटखट भावो से
है मेरा....
प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा
तुम बिन जीवन मेरा बिलकुल
नामुमकिन था
नामुमकिन है
इस प्रेम पत्र में मेरा तुमसे
यही विनम्र निवेदन है
स्वीकार करो ये
प्रेम पत्रिका
बन जाओ मेरी जीवन संंगी
यही कामना अंतिम है
मन के नटखट भावो से
है मेरा....
प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा