🙏🙏✍विशेष ✍🙏🙏
😁😁लुढ़कता करवा😁😁
तूने मेकअप से तन को,
चमन कर दिया।
कास्मेटिक से गुल,
गुल बदन कर दिया ।
सेल्फी पचपन मे लेकर,
तू सोलह लगे।
फेसबुक पे उमर का,
दहन कर दिया।
तूने मेकअप से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन चबालिस मे था,
अवतरण का दिवस।
यूं छुपाते- छुपाते,
हुआ वो विवस।
साल पचपन को, छब्बीस न कहते रहो।
हार कर हुस्न ने भी, गमन कर दिया।
तूने मेकअप से ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वो पड़े खाटपर,
खाॅसकर रह गए।
जल भरा जग वहीं,
छोड़कर तुम गए।
तेरा करवा लुढ़कता, रहा खाटपर।
चौथ ने उनपे हंसना, चलन कर दिया।
तूने मेकअप से,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कर भजन उम्र से,
आशिकी छोड़कर।
फूल देगा कोई क्या,
तुम्हे तोड़कर।
अब छुपाओ न तुम, झुर्रियां गालपर।
होंठ लाली रचाकर, हवन कर दिया।
तूने मेकअप से,,,,,,,,,,,,,,
(भूपेंद्र भोजराज भार्गव)