न जाने साथ कैसा है?
अकेला मैं, अकेले तुम।
ये रिश्ता बीती बातें हैं,
न तेरा मैं, न मेरे तुम।
महज़ धोखा थी सब कसमें,
हूँ झूठा मैं, हो झूठे तुम।
मनाए कौन अब किसको?
हूँ रूठा मैं, हो रूठे तुम।
26 जुलाई 2022
न जाने साथ कैसा है?
अकेला मैं, अकेले तुम।
ये रिश्ता बीती बातें हैं,
न तेरा मैं, न मेरे तुम।
महज़ धोखा थी सब कसमें,
हूँ झूठा मैं, हो झूठे तुम।
मनाए कौन अब किसको?
हूँ रूठा मैं, हो रूठे तुम।