shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

चाँद मेरा

गौरव कुमार

7 अध्याय
1 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
1 पाठक
निःशुल्क

मोहब्बत, धोखे और बंदिशे 

chand mera

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

इश्क: परिभाषा

26 जुलाई 2022
1
0
0

                             मैं 'तन्हा' तो इश्क 'साथी' है                              मैं 'दीया' तो इश्क 'बाती' है                              मैं 'सर्दी' तो इश्क 'धूप' है               

2

वो कोई है

26 जुलाई 2022
0
0
0

राहों पर उसका दिखना ही इक याद सुहानी लगती है, उसकी चाल अदाओं से कोई यार पुरानी लगती है, सपनों की राजकुमारी है या है किस्सों की परी कोई, महफ़िल में उसकी धुन छेड़ूं, वो प्रेम तराने लगती है।  उसकी

3

प्रेम प्रस्ताव

26 जुलाई 2022
0
0
0

खयालों में,  सवालों में,  इरादों में,  औ वादों में,  ख्वाबों में,  किताबों में,  फिज़ाओं में तुम हो। उलझनों में,  सुलझनों में,  सांसों में,  धड़कनों में, परेशानी,  जवाबों में,  दुआओं मे

4

मैं-तुम

26 जुलाई 2022
0
0
0

न जाने साथ कैसा है? अकेला मैं, अकेले तुम। ये रिश्ता बीती बातें हैं, न तेरा मैं, न मेरे तुम। महज़ धोखा थी सब कसमें, हूँ झूठा मैं, हो झूठे तुम। मनाए कौन अब किसको? हूँ रूठा मैं, हो रूठे तुम।

5

बिखरा दिल

26 जुलाई 2022
1
0
0

                   टूट चुका हूँ, अब यूँ परेशान न कर,                   बिखरे हुए से उठने का फरमान न कर।                   जो दरख्त लगाए थे हमने छाँव के लिए,                   सूखे पेड़ों से फल

6

मिलेंगे कहीं

26 जुलाई 2022
0
0
0

मैं आ रहा हूं तुम्हारी गलियां करो ये वादा कि तुम मिलोगे आएंगी अड़चन उन्हें फांदकर करो ये वादा कि तुम मिलोगे है माना मैंने की थी भूलें बिना तेरे दिल है ये बेचैन अब तक पुराने शिकवे गिले भुला कर करो

7

बस तू

26 जुलाई 2022
0
0
0

दिल में कईयों दर्द छिपाए बैठे हैं,  फिर भी इक उम्मीद जगाए बैठे हैं। तेरा रुसवा होकर जाना रास नहीं आया,  मिलने के कुछ ख्वाब सजाए बैठे हैं। माना तूने रस्ते बदल लिए अपने,  माना सब संयोग गंवाए बै

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए