ह्रदय में नित भाव सरिता, सरल-रस सी बह रही है l मन अकिंचन बंध गया है, चेतना यह कह रही है ll तुम प्रणय के गीत गाकर, ह्रदय में अभिसार दो l यदि भुजाओं में प्रलय हो, वीर रस का प्यार दो ll हँस रही पीड़ा
आंसू मन के मीत हमारे, आंसू मन की परिभाषा l आंसू दुःख के गीत हमारे, आंसू मन की है भाषा ll आंसू मस्तक की स्मृतियां, आंसू दृग के पास रहें l विकल वेदना सहते-सहते, आंसू बहते और बहेें ll आँखों को प्यारे है