*प्रत्येक मनुष्य के जीवन में समय-समय पर सुख एवं दुख आते जाते रहते हैं | संसार में एक ही समय में कहीं लोग प्रसन्नता में झूमते हैं तो कहीं अपार दुख में रोते हुए देखे जाते हैं | यह मानव प्रवृत्ति है कि यदि मनुष्य को प्रसन्नता मिलती है तो उसकी इच्छा होती है कि समय यूं ही ठहर जाय , वहीं यदि कोई दुख आ जात