मेरे किताब का शीर्षक जितना छोटा है उसका अर्थ उतना ही अधिक सुदृढ़ और प्रवीण है "मेरा सपना" जो मेरी पहचान है जिसको समाज की बंदिशों ने, पिता के मान सम्मान ने और कहीं न कहीं लोगों की सोच ने दिल के एक कोने में छुपाने को मजबूर कर दिया था
हां दोस्तों जीवन भर इस आस में बिताया कभी तो मेरे सपनों को आसमान मिलेगा कभी तो मैं अपनी पहचान बना पाउंगी पर इतना आसान नहीं अपने सपनों को साकार करना कुछ मुश्किलें तो कुछ हिम्मत की होती है आवश्यकता तब कहीं मिलती सपनों को मंजिल नयी,मेरी लिखी किताब एक बेटी जो यह आस लगाए बैठी थी कि कब उसके पिता उसकी प्रतिभा को उसकी लेखनी को सराहेंगे और कैसे? वो छुप छुप के अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही थी उसकी वो कोशिश, उसकी वो लग्न का वर्णन इस किताब में प्रस्तुत किया गया है,
और धीरे धीरे जब वो अपने सपनों की और आगे बढ़ने लगी तब कितनी मुश्किलों का उसने सामना किया कैसे अपने सपनों को पूरा किया और किस प्रकार उसने लड़कियों के प्रति समाज की सोच को बदला उसका भी वर्णन उसने किया है कि किस प्रकार उसने लड़कियों को उनके सपनों को पूरे करने की आजादी वो स्वतंत्रता दिलाई क्योंकि
लिखना ही एक मात्र मेरा उद्देश्य नहीं था अपितु मेरी लेखनी को प्रभावशाली बनाना हर शब्द उसमें छुपे एक भाव को प्रदर्शित करें मेरी कविता की हर पंक्ति समाज को जागरूक करें,लोगों को प्रेरित करें अपने सपनों को पूरे करने की शक्ति दे यह मेरे सपने की किताब का महत्व है जहां अंतिम पेज में मैंने पिता से एक आस लगाई है कि वो बेटी के महत्व को समझें उनको भी बेटों की तरह प्यार करे उसका छोटा सा वर्णन अपनी कविता के माध्यम से किया है।)