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अनकहे लफ्ज़

Pinki Khandelwal

15 अध्याय
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13 पाठक
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कुछ बातें जो मन को विचलित करती है उनको कागचो पर उकेर देती हूं जीवन की सच्चाई को स्वीकार कर कुछ कमियों का कर देती उल्लेख हूं जीवन यूं तो चलायमान है पर हुई गलतियो को बना अपनी ढाल कुछ करने की कोशिश में अपने शब्दों को व्यक्त करने का एक उद्देश्य यह मेरी किताब "अनकहे लफ्ज़ " 

ankhe lafz

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पुस्तक के भाग

1

ख्वाब

1 दिसम्बर 2022
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ख्वाबों को मैंने कुछ इस प्रकार से सजाया है, जैसे माली ने फूलों से बागियों को सजाया हो, हर दिन उसके साकार होने के स्वप्न में, खुद की चाहत को भुलाया है, जब ख्वाबों को सच बनाना है तो अपनों से दूर रहना

2

मेरी पहचान....मेरे लिखे अल्फाज़।

1 दिसम्बर 2022
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  अपनी व्यथा को अपनी कहानी बना, रोज उतारती थी कोरे कागजों पर, आज बन गये वो मेरी पहचान, शब्दों के तीर जब चुभने लगे उन लोगों को, तब उन कहानी में अपना दर्द महसूस करने लगे लोग, किताबें लिख रही थी वो एक

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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

2 दिसम्बर 2022
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स्वस्थ शरीर जीवन की बहुमूल्य पूंजी है जिससे बढ़कर न शौहरत है न दौलत क्योंकि शरीर स्वस्थ नहीं काया निरोगी नहीं तो शौहरत का क्या करोगे, लेकिन प्रदूषित समाज में फैलती गंदगी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिक

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परिवार

4 दिसम्बर 2022
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  मुट्ठी भर आसमां और इच्छाओं का मंदिर है, जिसमें रहते सब सुखपूर्वक से वही तो परिवार है, खेलकूद में बीत जाता बचपन संग साथ में कट जाता सफर, बांट लेते सब दुखों को और खुश होते थोड़े से मैं, कम थी आमदनी

5

बेरोजगारी

4 दिसम्बर 2022
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बढ़ती मंहगाई घटता व्यापार बढ़ता फैशन घटती कमाई, पढ़ाई का बोझा हो या जॉब लगने की टेंशन घर का राशन लाना हो या करना हो कुछ काम सब की आज होने लगी टेंशन क्योंकि बढ़ रही बेरोजगारी काम धंधे सब पड़ गये बंद.

6

युवाओं में बढ़ रहा तनाव

6 दिसम्बर 2022
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आधुनिक शैली, आधुनिक अविष्कारों की उत्पत्ति और कम्पटीशन का जमाना, बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षित व्यक्ति का योग्यता के आधार पर चयन न होकर आरक्षण प्राप्त व्यक्ति का चयन और बदलता खान पान जिससे फैलती खतरनाक बीम

7

किसान

20 दिसम्बर 2022
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विचित्र सी कहानी है उन किसानों की,  जो करते परिश्रम, दिन और रात की नहीं होती जिनको परवाह, आज उनकी स्थिति बद से भी बद्तर है, बरसते मेघ कभी खुशियां दे जाते, तो कभी उनकी फसल नष्ट कर जाते, जीवन पूंजी ल

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संस्कृति का महत्व

20 दिसम्बर 2022
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हमारे देश की परम्पराओं मे हमारी संस्कृति की अनूठी झलक दिखलाई देती है प्राचीन परम्पराओं से नवीन सोच का वाद विवाद साथ ही आधुनिक जीवनशैली से प्राचीन पोषाकों की होड़ आज हमें अपनी संस्कृति से दूर कर रही

9

बढ़ते आतंकवाद का बिष्लेशण

28 दिसम्बर 2022
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हर इंसान भयभीत आतंक और डर खौफ का शिकार रहे, देश की प्रगति और विकास के सब रास्ते बंद हो जाए देश भ्रष्टाचार अंधविश्वास का शिकार हो जाए यह यहां के लोगों की मानसिकता है जिसने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ा

10

मेरा बचपन

11 जनवरी 2023
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मां की ममता में पिता के दुलार में बीता मेरा बचपन है, मस्ती भरी शरारतों में चेहरे पर आती मुस्कराहट में, नादान भोली सी बनाते शक्ल करते अपनी मनमानी में, ये बचपन बीता है जो मीठी यादों का हिस्सा है, जिसमे

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मुस्कान: सबसे कीमती गहना...।

17 जनवरी 2023
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खामोशी को चेहरे पर बयां नहीं होने देती, सचमुच चेहरे पर मुस्कान कितनी जरूरी है, दर्द दिलों में छुपाने की आती इसमें कला, सचमुच मुस्कराहट कितनी जरूरी है, कुछ इशारे में कहना जानती है मुस्कान, सचमुच मुस्

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मेरी डायरी मेरा प्यार .....

17 जनवरी 2023
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न कोई साथ था न कोई मेरा बना सहारा, फिर मेरी दोस्ती कलम और डायरी से हुई, जो थे दिल के जज्बात, दर्द सब लिख लेती उसमें, कभी कभी पहली बारिश पहली मुलाकात, तो कभी चेहरे पर आई उदासी की कहानी, तो कभी कुछ अल

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पेपर लीक पर राजस्थान सरकार के विचारो का वर्णन अपने शब्दों द्वारा...।

17 जनवरी 2023
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परिक्षाएं बच्चों की मेहनत को परखती है आगे बढ़ने का हौसला देती है जीवन में अपनी मंजिल को पाने का अवसर देती है लेकिन वर्तमान समय में चल रही पेपर लीक की प्रक्रिया ने बच्चों की मेहनत और उनको अपनी मंजिल को

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आस्था या अंधविश्वास

18 जनवरी 2023
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ईश्वर के प्रति आपका श्रद्धा का भाव आपकी उनके प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है... ईश्वर सर्वशक्तिमान है वह आपके चढ़ावे धन दौलत का भूखा नहीं वो तो आपके मन में उन ईश्वर के प्रति कितनी अटूट आस्था है बस उसका

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मेरा देश मेरा वतन... गणतंत्र दिवस।

26 जनवरी 2023
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विविधताओं से भरा, संस्कृति का धनी, अर्थव्यवस्था की जननी हमारे देश की भूमि, बहती धारा गंगा मां पूजनीय जो कहलाती, माटी की खुशबू लाती खींच हमें यहां, चाहे घूम आए सारा जहां पर मिलता सुकून यहां, यह देश हमे

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