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मिड डे मील वाली पढ़ाई

31 जनवरी 2022

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शिक्षा और शिक्षा व्यवस्था का तो ये हाल है
शिक्षक के हाथ में कलम और किताब की जगह
अब रहता मिड डे मिल का दाल है..
चावल की बोरियों की गिनती
अंडे का दाम और
सेब के स्वाद का रहता ख्याल है
सुबह से शाम तक रहता यही माहौल है
क्या बताएं शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है

जो पूछा गया इनसे होता क्यों ये गजब चाल है
क्यों इन नौनिहालों के भविष्य के साथ होता ये खिलवाड़ है
तो दिया उन्होंने कुछ यूं जवाब है...–
"अगर खाना अच्छा ना बने तो ये उच्च अधिकारी के द्वारा मिड डे मिल के नाम पर तरह–तरह के कोरोना से भी भयंकर जांच रूपी बीमारी देने का प्रावधान है   ©R.Rani
और  अगर खाना स्वादिष्ट बन जाए तो बच्चे का खाकर घर जाने का बनता प्लान है"...

अब क्या बताया जाए यही शिक्षा व्यवस्था का गजब का चाल ढाल है जहां खल्ली और बोर्ड की जगह रहता मिड डे मील का ख्याल है...

         –©रक्षिता रानी✍️

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