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शिक्षा, शिक्षक और शिक्षण

Dr. Mohd. Israr

14 अध्याय
12 लोगों ने खरीदा
14 पाठक
14 अगस्त 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94582-92-7
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon Flipkart

तीन वर्ष शिक्षक-शिक्षा में कार्य करते हुए शिक्षा के परिप्रेक्ष्य और सैद्धांतिक पक्ष को निकटता से जानने-समझने और अनुभव करने की कोशिश की। अनेक वर्षों तक पेशेवर शिक्षक के रूप में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए, शिक्षा के स्वभाव, स्वरुप, प्रभाव और उसके व्यावहारिक पक्ष आदि को विविध दृष्टिकोणों से जानने-समझने का प्रयास करता रहा। स्वैच्छिक और विभागीय रूप से विभिन्न मंचों- कार्यशालाओं, सेमिनार, वेबिनार व इसी प्रकार के अन्य कार्यक्रमों आदि में प्रतिभाग करते हुए जब कभी कुछ नया सीखने-समझने को मिला तो मन काफी उत्साहित हुआ। लेकिन जब कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करने के पश्चात भी, आशानुरूप परिणाम नहीं मिले अथवा कार्य करने पर संदेह करते हुए दूसरों के द्वारा सवाल उठाए गए तो मन हतोत्साहित भी हुआ। दोनों ही परस्थितियों में मिले अनुभवों को यथा समय आलेखबद्ध करने का प्रयास करता रहा। यह पुस्तक उन्हीं मिश्रित अनुभवों का परिणाम है। 

shiksha

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पुस्तक के भाग

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भूमिका

4 अप्रैल 2023
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तीन वर्ष शिक्षक-शिक्षा में कार्य करते हुए शिक्षा के परिप्रेक्ष्य और सैद्धांतिक पक्ष को निकटता से जानने-समझने और अनुभव करने की कोशिश की। अनेक वर्षों तक पेशेवर शिक्षक के रूप में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक,

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भाषा की ज़रूरत

4 अप्रैल 2023
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उक्त शीर्षक पढ़कर मन को उद्वेलित करने वाले कई सवाल उठ सकते हैं। कई जिज्ञासाएं भी हो सकती हैं; जैसे किसी भाषा को भाषायी पहचान हेतु किन तत्वों की ज़रूरत होती है? भाषा की ज़रूरत किसको है? इन्सानों के अलावा

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कैसे हो मातृभाषा में शिक्षा?

4 अप्रैल 2023
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मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से ऐसा माना जाता है कि मातृभाषा में बच्चे का मस्तिष्क सबसे पहले क्रियाशील होता है, इसलिए शिक्षा का आरम्भ मातृभाषा में ही करना चाहिए। अधिकांश मनोवैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और प्रसि

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ज़रूरत है अभी, और नज़रिया बदलने की

4 अप्रैल 2023
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‘संस्कृत’ के विषय में भ्रान्ति है कि यह केवल मंदिरों या धार्मिक आयोजनों में मंत्रोच्चारण के लिए प्रयोग होने वाली भाषा है। इसी कारण इसे धार्मिक कर्मकांड, पूजा-उपासना और पण्डितों की भाषा माना जाता रहा ह

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सिद्धांत और अभ्यास के अंतर को कैसे पाटा जाए?

5 अप्रैल 2023
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सिद्धांत और अभ्यास के लिए अंग्रेजी में क्रमश: Theory और Practice शब्दों को पर्याय के रूप में देखा जाता है। शैक्षिक दृष्टिकोण से Practice के लिए ‘व्यवहार’ शब्द का प्रयोग भी अक्सर किया जाता है। शिक्षा ज

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विविध पाठ्य-अभ्यास भी टी.एल.एम. है!

5 अप्रैल 2023
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शिक्षण के लिए टी.एल.एम. अर्थात् ‘टीचिंग लर्निंग मटेरियल’ काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए अन्य शब्द ‘शिक्षण अधिगम सामग्री’ भी प्रयुक्त होता है। आरम्भिक स्तर की कक्षाओं के लिए विविध दृष्टिकोण स

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जो बच्चे नहीं सीख पाते!

5 अप्रैल 2023
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किसी भी स्कूल से जुड़ी हुई दो सबसे महत्वपूर्ण कड़ियाँ मानी जाती हैं- शिक्षक और शिक्षार्थी। स्कूल के सन्दर्भ में इन्हें किसी भी क्रम में देखा जा सकता है। पहले शिक्षक, बाद में शिक्षार्थी या पहले शिक्षार्थ

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लेखन, लिखावट और मूल्यांकन

5 अप्रैल 2023
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सरल शब्दों में कहें तो, अपने भावों और विचारों को ध्वनी प्रतीकों के माध्यम से अभिव्यक्त करना लेखन कहा जाता है। लिखना, लिख-लिखकर अभ्यास करने से ही आता है और निरंतर अभ्यास से निखरता जाता है। इसलिए कहते ह

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लिखना, लिखकर ही आएगा

5 अप्रैल 2023
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प्रसिद्ध भाषा-वैज्ञानिक रमाकांत अग्निहोत्री जी का कथन है, “पढ़ना पढ़कर आता है, लिखना लिखकर आता है।” लिखने के सन्दर्भ में मैं इस कथन को इस प्रकार भी कहता हूँ, “लिखना, लिख-लिखकर अभ्यास करने से ही आता है औ

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मौके देने से बच्चे कितना सीखते हैं?

5 अप्रैल 2023
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शैक्षिक जगत में यह धारणा बहुत आम है कि बच्चे अपने ज्ञान का स्वयं निर्माण करते हैं। शिक्षक को केवल ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न करनी होती हैं, जिनमें बच्चे सीखने के लिए तत्पर हों। लेकिन कक्षा में कार्य करत

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स्तरानुसार शिक्षण : चुनौतियाँ और सफलता

5 अप्रैल 2023
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शैक्षिक जगत में, न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी यह बात अक्सर सुनने को मिलती है कि ‘बच्चे सीख नहीं पा रहे हैं, उन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आ रहा है। ‘असर’ की रिपोर्ट में खुलासा होता है कि कक्षा तीन के

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सीखने-सिखाने का भावात्मक पहलू

6 अप्रैल 2023
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यह मानित सिद्धांत है कि कुछ सीखने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं से गुज़रना पड़ता है। सीखना या अधिगम जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया माना जाता है। देखने-सुनने में भले ही आसान लगे लेकिन औपचारिक शिक्षा की दृ

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सन्दर्भ से व्याकरण शिक्षण की ओर

6 अप्रैल 2023
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किसी भाषा को मानक रूप में जानने-समझने के लिए व्याकरण-ज्ञान की आवश्यकता होती है। जिसका एक बड़ा कारण होता है कि व्याकरण में किसी भाषा के उचित प्रयोग से जुड़े नियम निर्दिष्ट होते हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाल

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वर्कशीट के प्रकार्य

6 अप्रैल 2023
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आकलन को औपचारिक शिक्षा के प्रमुख अंग के रूप में देखा जाता है। विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सतत रूप में आकलन का आग्रह विभिन्न शैक्षिक दस्तावेजों में मिलता है। इससे शिक्षक को अपने द्वारा किए गए क

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