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मोहन राकेश - एक परिचय

29 जनवरी 2015

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मोहन राकेश (8 जनवरी, 1925 – 3 दिसम्बर, 1972) हिंदी के बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न नाटयलेखक और उपन्यासकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी, 1925 को हुआ था । वे 'नई कहानी' आंदोलन के प्रमुख स्तंभ हैं । 'मलबे का मालिक' उनकी बहुचर्चित कहानी है। वे कथाकार के अतिरिक्त नाटककार के रूप में भी अत्याधिक प्रसिद्ध हैं । कुछ वर्षों तक उन्होनें हिंदी की पत्रिका 'सारिका' का भी संपादन किया है । 'आषाढ़ का एक दिन' नाट्य रचना के लिए और 'आधे-अधूरे' के रचनाकार के नाते उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । 'अंधेरे बंद कमरे' उनका हिंदी का महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है, जिसका अंग्रेजी व रूसी भाषा में भी अनुवाद हुआ । उनकी प्रमुख रचनाएं - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे-अधूरे (नाटक), अंधेरे बंद कमरे, अंतराल, न आने वाला कल (उपन्यास), क्वार्टर तथा अन्य कहानियां आदि । 3 दिसम्बर, 1972 को उन्होने अंतिम सांस ली ।
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मैं नहीं मानूंगा

29 जनवरी 2015
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कोई इस तरह से बेबस हो, और इतना बेबस हो, मैं नहीं मानूंगा. बहुत सालों से तरसा हो, और इस तरह तरसा हो, मैं नहीं मानूंगा. तू बड़ा भी हो, और घुटने पे भी हो, मैं नहीं मानूंगा. तूने दुनिया जीती है, और खुद से हरा है, मैं नहीं मानूंगा. तू गैरों का अपना है, और अपनों का गैर है, मैं नहीं मानूं

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मोहन राकेश - एक परिचय

29 जनवरी 2015
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मोहन राकेश (8 जनवरी, 1925 – 3 दिसम्बर, 1972) हिंदी के बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न नाटयलेखक और उपन्यासकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी, 1925 को हुआ था । वे 'नई कहानी' आंदोलन के प्रमुख स्तंभ हैं । 'मलबे का मालिक' उनकी बहुचर्चित कहानी है। वे कथाकार के अतिरिक्त नाटककार के रूप में भी अत्याधिक

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जयशंकर प्रसाद - एक परिचय

29 जनवरी 2015
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जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी, 1890 – 15 जनवंबर, 1937) छायावाद के प्रमुख संस्थापक कवियों में जयशंकर प्रसाद जी का नाम आता है । उनका जन्म 30 जनवरी, 1890 और निधन 15 नवंबर, 1937 को हुआ था। उन्होंने कहानियां, उपन्यास, निबंध, गद्य-गीत आदि विविध विधाओं में लिखा है और ऐतिहासिक तथा पौराणिक प्रसंगों क

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