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जयशंकर प्रसाद - एक परिचय

29 जनवरी 2015

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जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी, 1890 – 15 जनवंबर, 1937) छायावाद के प्रमुख संस्थापक कवियों में जयशंकर प्रसाद जी का नाम आता है । उनका जन्म 30 जनवरी, 1890 और निधन 15 नवंबर, 1937 को हुआ था। उन्होंने कहानियां, उपन्यास, निबंध, गद्य-गीत आदि विविध विधाओं में लिखा है और ऐतिहासिक तथा पौराणिक प्रसंगों को आधुनिक संदर्भ देकर अनेक रचनाएं की हैं । उनके प्रबंध काव्य 'कामायनी' और नाटक 'चंद्रगुप्त' को हिंदी साहित्य में विशेष स्थान प्राप्त है । उन्होंने 47 वर्षों के छोटे-से जीवनकाल में कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी और आलोचनात्मक निबंध आदि विधाओं में समान रूप से उच्च कोटि की रचनाएं की । आपकी प्रमुख रचनाएं हैं - कामायनी (प्रबंध काव्य), कानन कुसुम, झरना, लहर (कविता संग्रह), ध्रुवस्वामिनी, जनमेजय का नागयज्ञ (नाटक), कंकाल, तितली, इरावती (उपन्यास), आकाशदीप (कहानी संग्रह) ।
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मैं नहीं मानूंगा

29 जनवरी 2015
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कोई इस तरह से बेबस हो, और इतना बेबस हो, मैं नहीं मानूंगा. बहुत सालों से तरसा हो, और इस तरह तरसा हो, मैं नहीं मानूंगा. तू बड़ा भी हो, और घुटने पे भी हो, मैं नहीं मानूंगा. तूने दुनिया जीती है, और खुद से हरा है, मैं नहीं मानूंगा. तू गैरों का अपना है, और अपनों का गैर है, मैं नहीं मानूं

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मोहन राकेश - एक परिचय

29 जनवरी 2015
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मोहन राकेश (8 जनवरी, 1925 – 3 दिसम्बर, 1972) हिंदी के बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न नाटयलेखक और उपन्यासकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी, 1925 को हुआ था । वे 'नई कहानी' आंदोलन के प्रमुख स्तंभ हैं । 'मलबे का मालिक' उनकी बहुचर्चित कहानी है। वे कथाकार के अतिरिक्त नाटककार के रूप में भी अत्याधिक

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जयशंकर प्रसाद - एक परिचय

29 जनवरी 2015
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जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी, 1890 – 15 जनवंबर, 1937) छायावाद के प्रमुख संस्थापक कवियों में जयशंकर प्रसाद जी का नाम आता है । उनका जन्म 30 जनवरी, 1890 और निधन 15 नवंबर, 1937 को हुआ था। उन्होंने कहानियां, उपन्यास, निबंध, गद्य-गीत आदि विविध विधाओं में लिखा है और ऐतिहासिक तथा पौराणिक प्रसंगों क

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