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आशिकी मेरी तुमसे!

आशिकी मेरी तुमसे!

ये कहानी शुरू होती है एक बड़े से बंगलो से जिस के बाहर एक नेम प्लेट लगा हुआ था। जिस पे सिंघानिया निवास लिखा हुआ होता है।बंगलो के बाहर बहुत सी रंग बिरंगी महंगी महंगी गाड़िया लगी होती थी। नौकर चाकर अपने अपने काम में व्यस्त थे, कोई कार साफ कर रहा था ,तो

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आशिकी मेरी तुमसे!

आशिकी मेरी तुमसे!

ये कहानी शुरू होती है एक बड़े से बंगलो से जिस के बाहर एक नेम प्लेट लगा हुआ था। जिस पे सिंघानिया निवास लिखा हुआ होता है।बंगलो के बाहर बहुत सी रंग बिरंगी महंगी महंगी गाड़िया लगी होती थी। नौकर चाकर अपने अपने काम में व्यस्त थे, कोई कार साफ कर रहा था ,तो

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माफिया लवर

माफिया लवर

यह कहानी है , श्रीधि और ध्रुव की जो एक दूसरे से गलत फहमी के वजह से मिले और दोनो को एक दूसरे से प्यार हो गया ।पर ध्रुव एक बहुत बड़े बिजनेस मैन होने के साथ साथ एक काले दुनिया का बेताज बादशाह भी था।पर एक दिन वो अपने ही प्यार श्रीधि को मौत की नींद सुला द

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माफिया लवर

माफिया लवर

यह कहानी है , श्रीधि और ध्रुव की जो एक दूसरे से गलत फहमी के वजह से मिले और दोनो को एक दूसरे से प्यार हो गया ।पर ध्रुव एक बहुत बड़े बिजनेस मैन होने के साथ साथ एक काले दुनिया का बेताज बादशाह भी था।पर एक दिन वो अपने ही प्यार श्रीधि को मौत की नींद सुला द

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