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19 जुलाई 2022

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शाम के पांच बज रहे थे, श्रीधि और उसकी दोस्त पार्टी में जाने के लिए रेड्डी हो रही थी। श्रीधि शॉट्स ड्रेस पहने हुए काफ़ी सुंदर दिख रही थी,लंबे घुंघराले बाल आंखो में सुरमा,और एक हाथ में पर्स टांगे हुए । श्रीधि अनुष्का से पूछती है"कैसी लग रही हूं?"...

अनुष्का श्रीधि को देखते हुए एक्साइटेड हो कर कहती है,"एक दम पटाखा लग रही है! तेरे लिए तो मैं लेस्बिन बनने को तैयार हो जाऊ। देखना तू आज क्लब के सारे मर्द तुझसे मक्खी की तरह चिपकना चाहेंगे।"

श्रीधि हस्ते हुए अनुष्का को कहती है"ठरकी कही की ! मौका मिलता नही की ठरक फैलाना शुरू कर देती है।"

अनुष्का श्रीधि के बातों पर हस्ते हुए कहती है"ही, ही,, ही अब तू हैं ही इतनी सेक्सी की मेरा दिल फिसल जाता हैं। खैर अब अनुराग थोड़ी ही देर में पार्टी में पहुंचने वाला होगा तू पूरी तरह से रेडी है ना?"...

"हा हा मैं बिल्कुल रेडी हूं"श्रीधि जैसे ही कहती है की तभी मिनी बोल पड़ती है"वैसे अगर उस अनुराग ने तुझे अकेला देखा कर कुछ ऐसा वैसा ट्राई किया तो? मुझे लगता है वहा जाने से पहले तुझे अपनी सेफ्टी के लिए भी कुछ ले लेना चाहिए।

वाही पास में टेबल पर पेपर स्प्रे रखा हुआ था अनुष्का झट से उठाकर श्रीधि को देते हुए कहती है",ये ले हम महिलाओ का एक मात्र हथियार पेपर स्प्रे"... श्रीधि हस्ते हुए कहती है"तू भी ना कमाल करती है, चल कोई ना दे क्या पता इसकी सच में कोई ज़रूरत पड़ जाए।"

ये कहते हुए श्रीधि अनुष्का के हाथ से पेपर स्प्रे ले कर अपने हैंगिंग पर्स में रख लेती है।और तीनों पार्टी जाने के लिए घर से निकल जाते है।




थोड़ी ही देर में तीनों क्लब पहुंच जाति है, अनुष्का और मिनी बाहर ही खड़ी रहती है और श्रीधि एंट्री कार्ड दिखा कर अंदर जाति है,जैसे ही अंदर जाति है, एक ब्लैक शूट में आदमी आकर श्रीधि को अंदर जाने से पहले एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने को कहता है। श्रीधि तो पहले सोचती है फिर वो कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर के अंदर चली जाति है।




श्रीधि अंदर जातें हुए खुद में ही बड़बडा रही होती है" बड़ा अजीब क्लब है,आखिर ऐसा क्या है यहां ?जो यहां की बात बाहर नही कर सकते।"

ये कहते हुए श्रीधि अपनी नजरे आस पास दौड़ती है, चारों ओर महंगे कपड़े पहने हुए अमीर लोग होते है,और पूरा क्लब किसी महल की तरह सजा हुआ था। तभी श्रीधि चारो तरफ देख कर कहती है", यहां कुछ अलग तो नहीं हो रहा, बस यहां बोरिंग लोग भरे पड़े है। कोई यहा डीजे का डांस तक नहीं हो रहा है।

श्रीधि अभी यही सब देख रही होती है की तभी अनुष्का का मैसेज आता है"क्लब में सबसे हैंडसम लड़का जो ब्लैक शूट में है, जिसकी टाई रेड कलर की है वही अनुराग है।"

श्रीधि अनुष्का का मैसेज पढ़ने के बाद अपनी नज़र इधर उधर दौराते हुए कहती है"यहां तो सब ही काले शूट और रेड टाई में है ऐसा लग रहा है। यहा vampiron की दावत चल रही है। अब इस में उसका अनुराग कौन सा वाला है?"

श्रीधि बड़े ही ध्यान से अपने आस पास  के चेहरे को देख रही होती है, तभी श्रीधि की नजर एक कॉर्नर में बैठे हैंडसम लड़के पर पड़ती है। वो लड़का देखने में किसी मॉडल से कम नही था, उसके एक हाथ में ड्रिंक थी,और वो  एकटक अपनी ड्रिंक की ओर घूरें जा रहा था। उसके चेहरे पर खालीपन होता है और चेहरे पर कोई भी इमोशन नही।

श्रीधि उसे देखते ही सोचती है, "अनुष्का ने जो भी कहा ओ इस लड़के से मैच हो रहा है,हो ना हो यही अनुराग है। लड़का तो सच में बहुत हॉट है, अब समझ आया अनुष्का इसके पीछे क्यों पागल है।"

श्रीधि सोच में खोई हुई थीं, की तभी उसे अपने कमर पर किसी के हाथ महसूस होते है, ओ हाथ कमर से होते हुए नीचे की ओर बढ़ रहे होते है, अब श्रीधी को अपने चेहरे पर गर्म सांसे महसूस होती है, उसके पिछे खड़ा शक्श उसके साथ फ्लर्ट करते हुए अपने मेंढक जैसी आवाज में उसके कान में हल्के से कहता है।"तुम जैसी खुबसूरती लड़की इस तरह क्लब में अकेली अच्छी नही लग रही, क्या मेरी कंपनी पसन्द करोगी?"

श्रीधि गुस्से में पीछे मुड़ती है,और उस आदमी के झुर्रीदार चेहरे पर एक जोरदार थप्पड़ मरती है,"

"साली,,, दो कौड़ी की लड़की,तेरी हिम्मत कैसे हुई," वो शक्श श्रीधि पर गुस्से से चिल्लाते हुए कहता है, वो दिखने में एक अधेड़ उम्र का लग रहा होता है उस की उम्र लगभग 45 वर्ष होगी।

तभी श्रीधि उसे जवान देते हुए कहती है"अंकल आप जैसे बेगैरत सड़क छाप को मरने के लिए मुझे लाइसेंस चाहिए क्या?"

वो शक्श गुस्से से लाल होकर श्रीधि की ओर देखे जा रहा होता है,पूरा क्लब अब ख़ामोश हो चुका है,और सभी की निगाहें श्रीधि पर ही टिकी हुई है।

तभी ओ आदमी श्रीधि से झिझक कर बोलता है"जानती भी है मैं कौन हूं? यहां खड़े खड़े तुझे और तेरे प्यार खानदान को खरीद सकता हू।"

श्रीधि भी बराबर का टक्कर देते हुए कहती हैं" और जानते हो मैं क्या कर सकती हूं?,,,, अंकल।"इतना कहते हुए श्रीधि अपने बैग से पेपर स्प्रे निकलती है और उस आदमी के आंखो में स्प्रे करती है, ओ आदमी जलन से तड़प उठता है,और चिल्लाते हुए कहती है"म,, मेरी आंखें,,,,मेरी आखें कोई पानी लाओ?"

श्रीधि हस्ते हुए कहती है"उप्स ! लगता है मिर्ची लग गई, पानी चाहिए अंकल आपको?"..... उसी टाइम एक वेटर दारू की बॉटल लेकर वहा से गुजर ही रहा होता है की श्रीधी उसके ट्रे से एक दारू की बॉटल लेकर उस आदमी के सिर के ऊपर खाली कर देती है।ये देख कर पूरा क्लब हैरान रह जाता है।

तभी वो आदमी गुस्से में श्रीधि के तरफ़ बढ़ता है, तभी पिछे बैठा वो लड़का जिसे श्रीधि अनुराग समझ रही थीं, वो इशारा करता है और दो गार्ड आकार उस आदमी को पकड़ लेते है।

वो आदमी गार्ड के हाथों से खुद को छुड़ाने की तमाम कोशिश करते हुए कहता है"तुम लोगो को मुझे बेइज्जत करना बहुत भारी पड़ेगा, और मैं बर्बाद कर दूंगा तुझे," गुस्से में श्रीधि के तरफ़ उंगली करते हुए बोलता है।




सब चुप चाप ये सब होते देख रहे थे की तभी श्रीधि गुस्से में सब को फटकार लगाते हुए कहती है"यहां कोई तमाशा चल रहा है?कोई हेल्प करने तो आता नही बस सबको फ्री का ड्रामा देखना है।"

श्रीधि जैसे ही ये कहती है,वहा खड़े लोग अपने अपने कामों में लग जाते है, अचानक से पूरे क्लब में सन्नाटे के बीच किसी की हसी गूंज उठती है।

ये कोई और नही बल्की वही लड़का हस रहा होता है जिसे श्रीधि अनुराग समझ रही थी। वो लड़का हस्ते हुए श्रीधि के पास आते हुए कहता है"पूरे क्लब को एक लड़की ने डरा , तुम चीज़ क्या हो?

जैसे ही ये आवाज श्रीधि सुनती है, ओ पीछे मुड़ती है, तो देखती है जो लड़का गुमसुम चुप चाप बैठ हुआ था अब उसके चेहरे पर हसी थी।

श्रीधि उस लड़के को करेक्ट करते हुए कहती है"मिस्टर मैं चीज़ नही लड़की हू, पता नही आज कल के लड़को को हो क्या गया है? बुलाने को तो मैडम, मिस, भी बुला सकते है पर नही,,, इन्हे तो लडकियों को बुलाना चीज़ या फिर आइटम ही है।"

श्रीधि की बातें सुनकर उस लड़के की हसी और भी तेज हो जाती है,एक बार फिर से सारे क्लब के लोगो की नजरे श्रीधि पर होती है,और श्रीधि की नज़र उस हैंडसम लड़के के चेहरे पर होती हैं और सोचती है"यही है ओ अनुराग,, अब बस कुछ भी कर के इसे तुझे पटाना पड़ेगा श्रीधि"....


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रचनाएँ
माफिया लवर
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यह कहानी है , श्रीधि और ध्रुव की जो एक दूसरे से गलत फहमी के वजह से मिले और दोनो को एक दूसरे से प्यार हो गया ।पर ध्रुव एक बहुत बड़े बिजनेस मैन होने के साथ साथ एक काले दुनिया का बेताज बादशाह भी था।पर एक दिन वो अपने ही प्यार श्रीधि को मौत की नींद सुला देता है । आख़िर ध्रुव ने क्यों अपने ही प्यार को मार डाला ? जानने के लिए पढ़ते रहिए माफिया लवर।

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