मै ये दावा नहीं करता कि कभी लडखडाया नहीं।
मगर ये इल्जाम गलत है कि मुझे चलना आया नहीं।
अक्सर गिर जाता हूँ , किसीके सहारे नहीं चलता,
मै आदमी हूँ मेरे दोस्त कोई चौपाया नहीं।।
26 अक्टूबर 2016
मै ये दावा नहीं करता कि कभी लडखडाया नहीं।
मगर ये इल्जाम गलत है कि मुझे चलना आया नहीं।
अक्सर गिर जाता हूँ , किसीके सहारे नहीं चलता,
मै आदमी हूँ मेरे दोस्त कोई चौपाया नहीं।।
1 फ़ॉलोअर्स
कोई बात जब दिल को चुभती सी लगती है और किसी से कुछ न कह पाने की लाचारी जीने नहीं देती, तब अपनी बात कही लिख देना मजबूरी हो जाती है। शब्द शब्द चीत्कार कर कहते है कवि कलम उठाओ।
और ऐसी मनोस्थिति में जो कुछ लिख जाता है, लोग कहते है कविता हो गई।
,कोई बात जब दिल को चुभती सी लगती है और किसी से कुछ न कह पाने की लाचारी जीने नहीं देती, तब अपनी बात कही लिख देना मजबूरी हो जाती है। शब्द शब्द चीत्कार कर कहते है कवि कलम उठाओ।
और ऐसी मनोस्थिति में जो कुछ लिख जाता है, लोग कहते है कविता हो गई।
D