नेवल एक्युपंचर बनाम नेवल होम्योपंचर
मात्रा में मसल्स होते है फिर इन क्षेत्र में शरीर के आंतरिक(खतराक) हिस्से मसल्स के काफी नीचे होते है । अत: इन भाग पर पंचरिंग करने से किसी भी प्रकार का खतरा नही होता । इसका कारण यह है कि पेट पर लगभग एक इंच से लेकर दो या आधिक चरर्बी है तो और भी नीचे आंतरिक अंग होते है । अत:इस भाग पर पंचरिग करने से किसी भी प्रकार का खतरा नही होता । नेवल एक्युपंचर में सूईयो को आधे इंच से या इससे भी कम मसल्स के अन्दर डाली जाती है मल्सल्स के अन्दर कितनी सूई को धुसाना है इसके लिये रोगी के पेट की मसल्स का पहले परिक्षण कर यह मालूम कर लिया जाता है कि पेट पर कितनी मोटी मसल्स की परत है । फिर उसके हिसाब से सूई
को इस प्रकार से चुभाते है ताकि मसल्स के आधे भाग तक ही सूई जाये ताकि पेट के आंतरिक अंगों पर सूई का प्रभाव न हो ।
नेवल एक्युपंचर चिकित्सको का मानना है कि शरीर के सम्पूर्ण आंतरिक एंव वाहय अंगों के चैनल इस पांईन्ट से हो कर गुजरते है , जैसा कि हमारे प्राचीनतम आयुर्वेद मे कहॉ गया है कि नाभी से हमारे शरीर की 72000 नाडीयॉ निकलती है । नेवल एक्युपंचर चिकित्सा सरल होने के साथ पंचरिग भी सुरक्षित है एंव उपचार हेतु कम से कम एक दो सूईयों का प्रयोग किया जाता है । नेचेल एक्युपंचर में सूईयो को चुभाने पर र्दद बिलकुल नही होता एंव परिणाम भी जल्दी एवं आशानुरूप मिलते है । इस नेवल एक्युपंचर का उपयोग अब नेवल होम्योपंचर के रूप में होने लगा है जिसमें होम्योपैथिक की शक्तिकृत दवाओं को बारीक डिस्पोजेबिल निडिल के चैम्बर में भर कर नेवल के आस पास पाये जाने वाले एक्युपंचर पाईन्ट पर पंचरिक कर उपचार किया जाता है ।
नेवेल क्षेत्र में पाये जाने वाले एक्युपंचर पाईट का लाभ:-
1-नेवेल (नाभी)क्षेत्र में पाये जाने वाले एक्युपंचर पाईन्ट सम्पूर्ण शरीर का प्रतिनिधित्व करते है अर्थात हमारे शरीर के सम्पूर्ण अंतरिक अंगों की नाडीयॉ इस क्षेत्र पर पाई जाती है ।
2-इस क्षेत्र में मसल्स अधिक होने से सुरक्षित पंचरिग(सूई चुभाई)किया जा सकता है ।
3-इस क्षेत्र में मसल्स अधिक होता है एंव आर्टरी वेन या हडडीयॉ तथा अन्य अंतरिक अंग कम या काफी गहराई में होते है । इससे सूई चुभाने पर किसी भी प्रकार का खतरा नही होता है ।
4-शरीर के समस्त अंतरिक अंगों की नाडीयॉ इसी क्षेत्र से होकर गुजरती है अत: एक्युपंचर पाईन्ट का निर्धारण करने में अनावश्यक समय की बरबादी नही होती ।
5-इस क्षेत्र में पंचरिंग पाईट आसानी से मिल जाते है जो पंचरिग करने में काफी सुरक्षित होने साथ मरीज को र्दद नही होता ।
6-इस क्षेत्र में पंचरिंग कर उपचार करने से परिणाम यथाशीघ्र एंव आशानुरूप प्राप्त होते है ।
7-महिलाओं में बाझपंन के उपचार में यहॉ पर पाये जाने वाले पाईन्ट काफी कारगर सिद्ध हुऐ है।
8-सौन्द्धर्य समस्याओं के निदान में ब्यूटी क्लीनिक में नेवल एक्युपंचर का प्रचलन काफी बढा गया है।
9-नेवेल एक्युपंचर में डिस्पोजेबिल निडिल न0 26 या 27 का प्रयोग किया जाता है जो अत्यन्त बारीक होने के साथ इसकी लम्बाई दो से तीन सेन्टीमीटर तक होती है । मरीज के मसल्स परिक्षण पश्चात इसे एक या डेढ से0मी तक ही चुभाया जाता है ।
10-सूईयॉ डिस्पोजेबिल होती है अत: एक बार प्रयोग कर उसे नष्ट कर दिया जाता है ।
11-नाभी का सम्बन्ध भावनाओं अर्थात मन से होता है इसके बाद शरीर से होता है इसलिये यह मन और शरीर दोनो का उपचार करती है ।
नेवल एक्युपंचर एक संम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है एंव एक्युपंचर चिकित्सा से सरल तथा शीघ्र आशानुरूप परिणाम देने वाली है । नेवल एक्युपंचर तथा नेवल होम्योपंचर की जानकारीयॉ नेट पर उपलब्ध है गुगल साईड पर Navel Acupanthure या नेवेल होम्योपंचर टाईप कर इसे देखा जा सकता है । ब्यूटी क्लीनिक में नेवल एक्युपंचर एंव नेवल होम्योपंचर का समान रूप से सौन्द्धर्य समस्याओं के निदान में प्रयोग किया जा रहा है । ब्लागर की इस साईड पर भी जानकारीयॉ उपलब्ध है ।
डॉ0 कृष्णभूषण सिह चंदेेेल
जन जागरण चैरिटेबल चिकित्सालय
हीरो शो रूम के सामने नर्मदा बाई स्कूल के
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