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नेवल होम्‍योपंचर से सौन्‍द्धर्य समस्‍याओं का उपचार

29 अक्टूबर 2022

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नेवल होम्‍योपंचर से सौन्‍द्धर्य समस्‍याओं का उपचार

एक्‍युपंचर चिकित्‍सा चीन गणराज्‍य की उपचार विधि है, इस चिकित्‍सा पद्धति में सम्‍पूर्ण शरीर पर एक्‍युपंचर पाईन्‍ट पाये जाते है , इन निर्धारित बिन्‍दूओं का चयन रोगानुसार कर चिकित्‍सक इन पाईन्‍स पर बारीक सूईया चुभा कर उपचार करते है । सम्‍पूर्ण शरीर में हजारों की सख्‍ॅया में पाये जाने वाले एक्‍युपंचर पाईन्‍स के निर्धारण में चिकित्‍सकों का काफी कठनाईयॉ होती है । नेवल एक्‍युपंचर, एक्‍युपचर चिकित्‍सा की नई खोज है, इसके आविश्‍कार का  श्रेय कास्‍मेटिक सर्जन मास्‍टर आफ चॉग के मेडिसन के प्रोफेसर योंग क्‍यू को जाता है । यह चाईना के एक्‍युपंचर फिलासफी पर आधारित है, जो टी0सी0एम0 अर्थात ट्रेडीशनल चाईनीज मेडिसन कहलाती है । एक्‍युपंचर के हजारों पाईन्‍ट को खोजना फिर उक्‍त निर्धारित पाईन्‍ट पर रोग स्थिति के अनुसार दस पन्‍द्रह बारीक सूईयो को चुभोना एक जटिल प्रकिया है । डॉ योंग क्‍यू ने महसूस किया कि नेवल व उसके आस पास के क्षेत्रों पर सम्‍पूर्ण शरीर के एक्‍युपंचर पाईन्‍ट पाये जाते है , जिन्‍हे खोजना आसान है साथ ही किसी भी प्रकार के रोग उपचार हेतु कम से कम सूईयों को चूभाकर सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है , उन्‍होने पाया कि पेट पर काफी मात्रा में चर्बी या फेट होता है इससे वहॉ पर सूई को आसानी से चुभाया जा सकता एंव सूई चुभाने से र्दद बिल्‍कुल नही होता ।

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नेवल एक्‍युपंचर चिकित्‍सकों का मानना है कि शरीर के सम्‍पूर्ण अंतरिक एंव वाहय अंगों के चैनल इस पाईन्‍ट से हो कर गुजरते है जैसा कि हमारे प्राचीन आयुर्वेद में कहॉ गया है कि नाभी से हमारे शरीर की 72000 नाडीयॉ निकलती है । नेवल एक्‍युपंचर सरल होने के साथ पंचरिग सुरक्षित है एंव उपचार हेतु कम से कम बारीक सूईयों का प्रयोग किया जाता है सूईयों को चुभाने पर र्दद बिल्‍कुल नही होता एंव परिणाम जल्‍दी एंव आशानुरूप मिलते है ।

नेवल होम्‍योपंचर :- होम्‍योपैथिक एंव नेवल एक्‍युपंचर की सांझा चि‍कित्‍सा को नेवल होम्‍योपंचर कहते है । होम्‍योपंचर का श्री गणेश काफी पहले हो चुका था, जो होम्‍योपैथिक एंव एक्‍युपंचर की साझा चिकित्‍सा पर आधारित थी , नेवल एक्‍युपंचर के आविष्‍कार के बाद नेवल एक्‍युपंचर एंव होम्‍योपैथिक की साझा चिकित्‍सा को नेवल होम्‍योपंचर कहॉ गया , इस चिकित्‍सा पद्धति में नाभी क्षेत्र के आस पास पाये जाने वाले एक्‍युपंचर पाईन्‍ट पर होम्‍योपैथिक की शक्तिकृत दवा या चाईनीज शक्तिकृत दवा को बारीक डिस्‍पोजेबिल निडिल के चैम्‍बर में भर कर पंचरिग कर उपचार किया जाता है , इसके बडे ही आशानुरूप परिणा मिल रहे है । इसे देखते हुऐ सौन्‍द्धर्य समस्‍याओं के निदान में इसका उपयोग ब्‍यूटी क्‍लीनिक में किया जा रहा है ।

सौन्‍द्धर्य समस्‍यायें

1 चेहरे पर लाल लाल दॉग :-कई लोगों के चहरे चेहरे पर लाल लाल दॉग हो जाते है तथा किसी प्रकार के लक्षण या रोग समक्ष में नही आता ऐसी स्थिति में नेवल होम्‍योपंचर में रिन-9 पाईन्‍ट पर पहले दिन सल्‍फर 1000 पोटेशी डिस्‍पोजेबिल निडिल की सहायता से पंचरिग की जाती है तथा दुसरे दिन ग्रेफाईटिस 200 रिन-8 पाईन्‍ट पर पंचरिग करते है । एक या दो सप्‍ताह के नियमित उपचार से चहरे के लाल लाल दॉगों ठीक होने लगते है ।

2-त्‍वचा के काले पड जाने पर  :-कई युवा महिलाओं की त्‍वचा कभी कभी काली पडने लगती है या कभी कभी त्‍वचा अपनी स्निंग्‍धता व स्‍वाभाविकता खोने लगती है । नेवल

एक्‍युपंचर में रिन-8 पर मात्र नियमित दो तीन दिन तक पंचरिग करने से त्‍वचा अपनी स्‍वाभाविक स्थिति में आने लगती है । नेवल होम्‍योपंचर उपचार में मिलेनोडरमा एंव आसैनिक दवा की 200 शक्ति की दवा को स्‍टो025 पाईन्‍ट पर पंचरिग करने से त्‍वचा का रंग स्‍वाभाविक अवस्‍था में आ जाता है । साथ ही समय से पहले त्‍वचा पर होने वाली झुर्रियों में भी लाभ होता

9 चेचक के दॉग मिटाने हेतु  :- चेचक के दॉगों को मिटाने के लिये डॉ0 सिन्‍हा सहाब का अभिमत है कि सारासिनिया क्‍यू को पानी में मिला कर किसी कपडे से ढके रहने से दॉग मिट जाते है । पुराने से पुराने चेचक के दॉग बेरियोलिनम सीएम शक्ति की दवा महिने में एक खुराक प्रयोग करने से सभी दॉग मिट जाते है एव गढढे भी भर जाते है । अनुभव मंजू दुबे उम्र लगभग 60 वर्ष की होगी उसे पहले बेरियोलिनम सी एम में दिया गया साथ ही सारासिनिया क्‍यू को कपडे में भिंगा कर रख गया परन्तु इससे कोई भी परिणाम न मिलने पर नेवल होम्‍योपंचर  चिकित्‍सा के माध्‍यम से बेरियोलिनम सी एम डिस्‍पोजेबिल निडिल में भर कर रिन-9 पाईट पर पंचरिग किया गया, साथ ही रिन-8 पाईन्‍ट को स्‍टीमुलेट किया गया  इससे बडे ही अच्‍छे परिणाम मिले ।

चेचक के दॉगों को मिटाने के लिये होम्‍योपंचर में रिन 9 एंव रिन-8 पाईन्‍ट काफी उपयोगी पाईट है । रिन -8 पाईन्‍ट को स्‍टीमुलेट करने से त्‍वचा अपनी स्‍वाभाविक अवस्‍था में आ जाती है एंव मुलायम स्निंग्‍ध साफ गोरी होने लगती है ।

5 चहरे के पैदाईशी निशान या चिन्‍हों को मिटाने (आक्‍जैलिक ऐसिड):- चहरे के पैदाईशी निशान हो या चेचक के दॉग इनकी चिकित्‍सा उपरोक्‍तानुसार ही की जाती है । साथ ही दो तीन दिन के अन्‍तर से  आक्‍जैलिक ऐसिड 200 शक्ति को रिन 9 पाईन्‍ट पर पंचरिग करते है ।

स्‍तन अविकसित (लेसिथिन):- कई युवा महिलाओं के स्‍तन उम्र के अनुसार विकसित नही होते इससे उनका स्‍त्री सुलभ सौन्‍द्धर्य नष्‍ट हो जाता है होम्‍योपैथिक में जिन स्‍त्रीयों को उम्र के अनुसार स्‍तन की पुष्टि नही होती उनके लिये लेसिथिन 3 एक्‍स या 6 एक्‍स दिन में तीन चार बार लेने से कुछ ही दिनों में स्‍तन स्‍वाभाविक अवस्‍था में आने लगते है इसके साथ सेबाल सेरूलेटा क्‍यू में लिया जाये तो परिणाम और भी अच्‍छे मिलते है ।
नेवल होम्‍योपंचर चिकित्‍सा में रिन चैनल पर पाये जाने वाले रिन -7 रिन-6 तथा रिन10 पाईन्‍ट को पंचरिग कर स्‍टेमुलेट करने से उचित परिणाम कुछ ही दिनों में मिलने लगते है ।

प्रसव के बाद पेट लटकने पर (कोक्रस):- यदि प्रसव पश्‍चात पेट लटक गया हो तो होम्‍योपैथिक की दवा क्रोकस 30 शक्ति में दिन में तीन बार देना चाहिये इससे कुछ ही दिनो में लटका हुआ पेट स्‍वाभाविक स्थिति में आ जाता है । नेवल एक्‍युपंचर एंव नेवल होम्‍योपंचर में स्‍टों0 25 तथा स्‍टो024 को स्‍टेमुलेट कर उचित परिणाम प्राप्‍त किया जा सकता है ।

ऐसी युवक्तियॉ जो अपनी पूर्ण उम्र में भी जिनका शारीरिक विकास न हो (लाईकोपोडियम):- ऐसी लडकीयॉ जो 16-17 वर्ष की हो जाने पर भी नही बढती उनका शारीरिक विकास नही होता ,छाती दबी रहती है शरीर पुष्‍ट नही होता उन्‍हे लाईकोपोडियम दवा प्रारम्‍भ में 30 शक्ति में दिन में तीन बार देना चाहिये  इससे उनका शारीरिक विकास होने लगता है ।

होम्‍योपंचर चिकित्‍सा से लाईकोपोडियम 1 एम पोटेशी में स्‍टो0-26 एंव स्‍टो0-24 एंव रिन 8 पाईट पर पंचरिग करने से दस पन्‍द्रह दिनों में ही परिणाम दिखने लगते है ।

पेल्विक गडर अर्थात नितम्‍ब का अविकसित होना (प्‍लम्‍बम) :-ऐसी युवक्तियॉ जो पूर्ण वयस्‍कता प्राप्‍त करने के बाद भी जिनकी जरायु पुष्‍ट या विकसित नही होती उन्‍हे प्‍लम्‍बम 200 का प्रयोग तीन चार दिन के अन्‍तर से करना चाहिये । इससे उनका पेल्विक अर्थात नितम्‍ब प्रदेश पूरी तरह से विकसित होने लगता है । नेवल होम्‍योपंचर चिकित्‍सा में प्‍लम्‍बम को रिन -10 व रिन-6 पर पंचरिग करने से भी उचित परिणाम शीध्र मिलते है

चेहरे के झाईयों पर (सीपियॉ):-चेहरे की झाईयों के लिये सीपिया 200 की एक खुराक रोज एंव बरबेरिस अक्‍वा क्‍यू की दस दस बूंदे नियमित लेने से उचित परिणाम मिलते है ।

त्‍वचा रोग हो या चहरे की झाईया आदि उसमें रिन-9 एंव रिन-8 पाईट पर होम्‍योपैथिक की सीपिया 200 दवा देने से परिणाम शीध्र मिले है

12-आग से क्षुलस जाना- आर्टिका यूरेन्‍स – आग से क्षुलस जाने पर उसका प्रभाव त्‍वचा पर होता है इससे त्‍वचा क्षुलस जाती है ,इस प्रकार के क्षुलस जाने पर आर्टिका यूरेन्‍स दबा का लोशन बना कर लगाने से एंव इस दवा की 30 शक्ति की दवा के प्रयोग से आर्श्‍चय जनक लाभ होता है इसमें कोई अतिश्‍योक्‍ती नही है । इस सर्न्‍दभ में डॉ टायलर का उदाहरण जो डॉ0 सत्‍यवृत जी ने अपनी मेटेरिया मेडिका में लिखा है इससे इस औषधिय के महत्‍व को आसानी से समक्षा जा सकता है । एक बच्‍चे का मुंह आग से क्षुलस गया था उसे होम्‍योपैथिक चिकित्‍सालय में आर्टिका यूरेन्‍स का लोशन रूई में भिगोकर लगाया गया ,अगले दिन यह पहचानना कठिन हो गया कि उस बच्‍चे का मुंह आग से क्षुलस गया था । उन्‍होने एक डॉक्‍टर का उल्‍लेख करते हुऐ लिखा है कि आर्टिका यूरेन्‍स के आर्श्‍चयजनक प्रभावों की बात सुनकर उसे ऐसा लगता जैसे यह कोई परियो की कहानी हो ,परन्‍तु एक दिन उनका हाथ जल गया उन्‍होने आर्टिका यूरेन्‍स का प्रयोग किया और उन्‍हे आर्श्‍चयजनक लाभ हुआ । इस दवा से जले हुऐ पुराने धॉव जो अनेक उपचारों के बाद भी ठीक नही होते , इसके प्रयोग से आर्श्‍चयजनक लाभ होता है । परन्‍तु यहॉ पर इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिये कि यह क्षुलसने या ऊपरी त्‍वचा के जलने पर प्रयेग की जाती है गहरे जलने पर नही । आग से जल जाने या क्षुलस जाने पर बहुत से व्‍यक्तियों की त्‍वचा क्षुलस कर अपनी प्राकृतिक सौन्‍द्धर्यता खो देती है ऐसे में यह दवा उनके लिये किसी बरदान से कम नही है । नेवल एक्‍युपंचर में रिन-8 एंव रिन-9 के साथ रिन 6 को स्‍टीमुलेट करने से आग से जलने पर त्‍वचा में होन वाले निशानों पर काफी फायदा होता है कई नेवल एक्‍युपचंर चिकित्‍सकों का मानना है कि इसके नियमित लम्‍बे समय तक उपचार करने से जलने के निशान काफी कम हो जाते है ।

डॉ0 कृष्‍णभूषण सिंह चन्‍देल
                   जन जागरण क्लीनिक

हीरोशोरुम के बाजू से संगम टेन्ट हाऊस के पास

बण्डा रोड मकरोनिया सागर म.प्र.

मो.9926436304  krishnsinghchandel@gmail.com

http://krishnsinghchandel.blogspot.in

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