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नहीं छोड़ना उस कायर को ( आल्हा छंद )

9 नवम्बर 2021

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नहीं छोड़ना उस कायर को , सीमा पर जो चढ़ा सियार ।

आर - पार का करो फैसला ,   मारो  खींच गले तलवार ।।

सबक सिखाना होगा इनको ,  जो  भारत पे करते वार ।

रणचण्डी  की  कृपा रहेगी ,  अबकी करो आर या पार ।।

कद के छोटे खोटे दिल के , उछल रहे जानें किस बात ।

दुनिया जान गई है इनको ,  बात - बात पे  करते  घात ।।

अबकी नोचो हाथ बढ़ाकर ,  चेहरे  से  इनके  नकाब । 

हर दुश्मन का यही सरगना , छीन लो गन जूता जुराब ।।

एक पड़ोसी शिविर लगाकर , बम का करता है व्यापार ।

एक कहे कि राम है उसका , अवध उसीका है घर बार ।।

अपने देश में छुपे हैं कुछ ,    आस्तीन  में काले व्याल । 

खाते नमक यहाँ का लेकिन , उनके  लिए बजाते गाल ।।

……. सतीश मापतपुरी    

Jyoti

Jyoti

बढ़िया

30 दिसम्बर 2021

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5.0
क्षितिज छंद आधारित रचनाओं का संग्रह है। इसमें संग्रहित सभी रचनाएँ मानवीय मूल्यों तथा जीवन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालती हैं।

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