अग्नि मे तपकर, सोने की पहिचान होती है।
नन्नी सी जान, देश की शान होती है।
यही ज्योति सबके घर की उजाला होती है।
नन्नी सी गुड़िया दिल की तारा होती है।।
यही सम्मान यही दिल की जान होती है।
नन्नी सी जान देश की शान होती है।।1।।
ये ना समझ नादान, इनको ना सताओ तुम।
घर के दीपक को जलने दो, ना बुझाओ तुम।।
जन्म देके ना मारो (फेंको), नादान होती है।।2।।
नन्नी सी जान देश की शान होती है।
कर लेती गुजारा एक कौने में रह करके।
घुट- घुट के जी लेती, ताने सह करके।।
कष्ट सहती हसके इन्तिहान देती हैं।।3।।
नन्नी सी जान देश की शान होती हैं।
नीतेश शाक्य अजनबी
जगन्नाथपुर मैनपुरी यूपी 9719445146