की बेवफ़ाई तूने, की बेवफ़ाई ।
तोड़ चली हो प्रीति, दिल को दुखाईं।
मिली बेवफ़ाई मुझे, मिली बेवफाई।
तूने न जाना मेरे,दर्द ए- दिल को।
पीते थे आंसू में, तेरे खुश दिल को।।
नादान थे हम प्रीति लगाई।।1।।
हाजिर था दिल मेरा, तेरे लिए ही।
मांग न पाया तूने, अपने लिए ही ।।
दिल हुआ तेरा, ओ हरजाई ।।2।
बात क्या मनू तेरी, तू दगाबाज है।
कसम तेरी ज्वा खावे, दिल गद्दार है।।
चंचल नैन तेरे, नैन मनसाई।।3।।
"गैरों की बात पर शक किया, मेरी लाइफ को नष्ट किया
नहीं था लव तुझको मुझसे, मेरे हर्ट को क्यों कष्ट दिया।"
शक करके तूने मुझसे, नफ़रत की है।
गैरों की बातों को फ़ुरसत मिली है।।
मुस्कुराके तूने क्यों आग लगाई।।4।।
की बेवफाई तूने - की बेवफाई।
मिली बेवफाई मुझे - मिली बेवफाई।
नीतेश शाक्य अजनबी
जगन्नाथपुर मैनपुरी यूपी 9719445146