कच्चे रास्ते थोड़ी बूंदों से बिगड़ जाते हैं।
घने बादल पवन आने से बिखर जाते हैं।
दिल कोई पत्थर की जागीर नहीं,
जब टूटते हैं तो शीशे की तरह बिखर जाते हैं।।
26 नवम्बर 2021
कच्चे रास्ते थोड़ी बूंदों से बिगड़ जाते हैं।
घने बादल पवन आने से बिखर जाते हैं।
दिल कोई पत्थर की जागीर नहीं,
जब टूटते हैं तो शीशे की तरह बिखर जाते हैं।।
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अक्सर कर सभी लोगों ने अपने–अपने विचार लिखें हैं । हम भी अपने कुछ विचार लिखते है समाज में किन परिस्थितियों से जूझ रहा है गरीबों को सताया जा रहा है फिर भी समाज में उन व्यक्तियों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। समाज में हो रही समस्याओं को हम हरदम लिखने को तत्पर्य हैं समाज में हो रही गुप्त रूप से घटनायें उनको हम लिखने को हर सम्भव प्रयास करेंगें। हमें पाठकों के सहयाेग की आवश्यता है। धन्यवाद
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