देवर्षि नारदभगवान के जितने प्रेमी भक्त हैं,भगवान भी नारद जी के उतने ही बड़े भक्त हैं।लेकिनआज की पीढ़ीनारद जी का जिस तरह से चरित्र-चित्रण करती है, उससे उनकीछवि उपहास के पात्र और चुगलखोर की बन गई है जो अतिनिंदनीयहै। आज आवश्यकता है कि देवर्षिनारद का वास्तवित चरित्र समाज के सामने आए। प्राणिमात्र के कल्याण