shabd-logo

common.aboutWriter

लेखिका,

Other Language Profiles
no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

नीलम द्विवेदी की डायरी,* काव्यांजलि*

नीलम द्विवेदी की डायरी,* काव्यांजलि*

"काव्यांजलि " यह पुस्तक विभिन्न मनोभावों को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने का सतत् प्रयास करने की कोशिश की गयी है। प्रत्येक पलों को अनेक रंगों से सुसज्जित कर सभी रसों को एक साथ करने का प्रथम प्रयास है, मां सरस्वती को ध्यान कर लेखनी को गति देने का प्रय

29 common.readCount
51 common.articles

निःशुल्क

नीलम द्विवेदी की डायरी,* काव्यांजलि*

नीलम द्विवेदी की डायरी,* काव्यांजलि*

"काव्यांजलि " यह पुस्तक विभिन्न मनोभावों को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने का सतत् प्रयास करने की कोशिश की गयी है। प्रत्येक पलों को अनेक रंगों से सुसज्जित कर सभी रसों को एक साथ करने का प्रथम प्रयास है, मां सरस्वती को ध्यान कर लेखनी को गति देने का प्रय

29 common.readCount
51 common.articles

निःशुल्क

नीलम द्विवेदी की डायरी "काव्यांजलि"

नीलम द्विवेदी की डायरी "काव्यांजलि"

" काव्यांजलि "यह पुस्तक विभिन्न मनोभावों को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास है। हमारे माता-पिता एवं मित्रों का बेहतरीन सहयोग प्राप्त हुआ जिस परिणाम स्वरूप हमने मां सरस्वती को ध्यान कर लेखनी को गति प्रदान करने की शुरुआत की है। काव्यांज

निःशुल्क

नीलम द्विवेदी की डायरी "काव्यांजलि"

नीलम द्विवेदी की डायरी "काव्यांजलि"

" काव्यांजलि "यह पुस्तक विभिन्न मनोभावों को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास है। हमारे माता-पिता एवं मित्रों का बेहतरीन सहयोग प्राप्त हुआ जिस परिणाम स्वरूप हमने मां सरस्वती को ध्यान कर लेखनी को गति प्रदान करने की शुरुआत की है। काव्यांज

निःशुल्क

common.kelekh

काव्यांजलि

7 अक्टूबर 2024
1
0

देख कर नज़र फेर ली ऐसे ही नज़र फेर ली नज़रों ने नजरिये से कहा क्यों नज़र ने नज़र फेर ली&nb

काव्यांजलि

7 अक्टूबर 2024
1
0

यूं ही नहीं बरसा पानी कहीं दूर से आंखों में कोई तो दर्द उमड़ा होगा वहीं से झूमकर बरसा पानी उड़ते एहसास से पूछा कि

काव्यांजलि

3 अक्टूबर 2024
1
0

चिल्लाए हुए गुस्साये है पग पग पर राह दिखायें है ना जाने क्या क्या चुनते क्या सच में राह बनायें है

काव्यांजलि

3 अक्टूबर 2024
1
0

राह पर चल पड़े हैं कुछ भूले कुछ बिसरें है आधी बात जीवन पर अब पूरी करने निकले

काव्यांजलि

3 अक्टूबर 2024
1
0

बार बार मैं सूचूं मैया की ज्योति जलाऊं जीवन की पगडंडियों पर निश्चित सफलता पाऊं ऐसे ही इक दिन भर मैया जयकारा लगाऊं ड्योढ़ी पर तेरी मैया&nb

काव्यांजलि

2 अक्टूबर 2024
1
0

यूं ही नहीं शिकवा कीजिए कभी तो नज़र भी कीजिए गुरुर किसी भी बात का ना कीजिए&n

काव्यांजलि

19 सितम्बर 2024
1
0

जरा सा ज़ख्म सस्ते में नहीं मिलता यहां कुछ भी सस्ते में नहीं मिलता कई दफ़ा दफ़न हो चुकें हैं सभी बारी बारी हर एक को हर दफ़ा बख़्त नहीं मिलता सूने सूने से मकान ह

काव्यांजलि

19 सितम्बर 2024
0
0

जरा सा ज़ख्म सस्ते में नहीं मिलता यहां कुछ भी सस्ते में नहीं मिलता कई दफ़ा दफ़न हो चुकें हैं सभी बारी बारी हर एक को हर दफ़ा बख़्त नहीं मिलता सूने सूने से मकान ह

काव्यांजलि

19 सितम्बर 2024
0
0

सूना सूना सा लगा एक कोना बेव़जह ही जहां नज़र जाती थी ना जाने क्या समझ बैठें हर बात को जिसकी हर बात पर नज़र जाती थी बहुत ख़ुश रहा करतीं थीं&nb

काव्यांजलि

19 सितम्बर 2024
0
0

सूना सूना सा लगा एक कोना बेव़जह ही जहां नज़र जाती थी ना जाने क्या समझ बैठें हर बात को जिसकी हर बात पर नज़र जाती थी बहुत ख़ुश रहा करतीं थीं&nb

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए