यूं ही नहीं शिकवा कीजिए
कभी तो नज़र भी कीजिए
गुरुर किसी भी बात का ना कीजिए
कभी तो आइने में खुद को कीजिए
वक्त नहीं ज्यादा अंदाज बयां कीजिए
उम्र भी उम्र तक ही वायदा कीजिए
बहुत ना सही मिला कुछ आधा कीजिए
रिश्ते का ना सही कुछ ख़ुद पर रहम कीजिए
नीलम द्विवेदी नील
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।