इंडिया संवाद ब्यूरो
नई दिल्ली: दिल्ली में हुए बहुचर्चित निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने की मांग करती अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। यह फैसला रात 2 बजे आया। इस बीच, निर्भया की मां ने बोलीं सवाल उठाते हुए कहा है,'' आज दोषी छूट जाएगा तो फिर सुनवाई का क्या मतलब होगा?''
सुप्रीम कोर्ट में क्यों पहुंचा मामला?
दिल्ली वुमन कमीशन की चीफ स्वाति मालीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। हालांकि, न्यूज एजेंसी एएनआई और पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक रेपिस्ट की रिहाई पर रोक नहीं लगाई है। गैंगरेप के वक्त यह दोषी नाबालिग था। इसलिए तीन साल तक उसे जुवेनाइल करेक्शन होम में रखने की सजा सुनाई गई थी। यह सजा 20 दिसंबर को पूरी हो गई। आईबी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि निर्भया केस का यह दोषी ‘रैडिकलाइज’ यानी कट्टर हो चुका है। इसलिए उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए।
इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अर्जी कोर्ट में लगाई थी। इसमें दोषी की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोषी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद दिल्ली वुमन कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट में शनिवार रात पिटीशन लगाई।
घुसने नहीं देंगे रेपिस्ट को गांव में
रेपिस्ट को बदायूं के उसके गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उस लड़के ने ऐसा घिनौना काम किया है, कि अब वह इस गांव में नहीं रह सकता है। उसकी वजह से गांव के युवाओं को हिकारत भरी नजर से देखा जाता है। कोई उन्हें नौकरी देने को भी तैयार नहीं है। पुलिस शनिवार को उसे दिल्ली के सुधारगृह से निकालकर किसी गोपनीय स्थान पर ले गई थी।
8 घंटे के दौरान क्या हुआ?
शनिवार शाम 4 बजे : निर्भया गैंगरेप के नाबालिग दोषी को शनिवार शाम को मजनू का टीला स्थित जुवेनाइल करेक्शन होम से शिफ्ट किया गया। उसे कहां ले जाया गया, इसका खुलासा नहीं किया गया। शाम 6 बजे रेपिस्ट की रिहाई के विरोध में निर्भया के माता-पिता और कुछ सामाजिक संगठनों ने मिलकर जुवेनाइल करेक्शन होम के बाहर प्रदर्शन किया। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक जब ये लोग वहां से हटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस उन्हें जबरन थाने ले गई। बाद में छोड़ दिया। इस मामले पर केजरीवाल ने ट्वीट कर हैरानी जताई।
रात 11.40 बजे : दिल्ली वुमन कमीशन की चीफ स्वाति मालीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर करने का फैसला किया। रात 11.58 बजे : दिल्ली वुमन कमीशन के वकील राजेश इनामदार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रेसिडेंस पहुंचे। रविवार तड़के 1:12 बजे : दिल्ली वुमन कमीशन ने स्पेशल लीव पिटीशन दायर की। 1.15 बजे : चीफ जस्टिस ने इस केस को विचार के लिए जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच को सौंपा। 1.40 बजे : जस्टिस गोयल के रेसिडेंस पर दोनों जजों ने विचार शुरू किया कि क्या इस स्पेशल लीव पिटीशन पर रात में ही सुनवाई होगी? 2.03 बजे : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस की सुनवाई सोमवार को होगी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तब तक दोषी की रिहाई पर रोक नहीं होगी।
अर्जी पर सुनवाई होगी सोमवार को
कमीशन की चीफ स्वाति मालीवाल ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को केस नंबर-3 के रूप में हमारी अर्जी पर सुनवाई होगी। तब तक हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली पुलिस रेपिस्ट की रिहाई को रोक लेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में छुट्टियां चल रही हैं। लेकिन वेकेशन बेंच इस केस में सुनवाई करेगी। कमीशन के वकील राजेश इनामदार ने कहा कि कुछ कानूनी दिक्कतें हैं। कानून कहता है कि जब तक जुवेनाइल के रिफॉर्मेशन की गारंटी न हो तब तक उसे रिहा नहीं किया जा सकता।
दिन में अपील क्यों नहीं?
ऐसा एक रणनीति के तहत किया गया। दरअसल अभी सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी चल रही है। दिन में वेकेशन बेंच में अर्जी लगाई जा सकती थी। पर तब कोर्ट अर्जी खारिज कर सकता था। इसलिए दिल्ली महिला आयोग ने रात का वक्त चुना। ताकि कम से कम उसकी अर्जी सुनवाई के लिए मंजूर कर ली जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अभी रिहाई पर रोक नहीं लगाई है। इसलिए यह साफ नहीं हो पाया है कि रविवार को उसकी रिहाई होगी या नहीं?
क्या सोमवार तक रुकेगी रेपिस्ट की रिहाई?
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की रिहाई पर रोक नहीं लगाई है। इस बारे में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस फैसला कर सकती है। बता दें कि दिल्ली सरकार के स्तर पर फैसला हुआ तो वह केजरीवाल को करना हाेगा। वहीं, दिल्ली पुलिस का फैसला केंद्र के गृह मंत्रालय पर डिपेंड करेगा। क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र के तहत आती है। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी पेंडिंग होने के बेस पर साेमवार तक रिहाई रोकने का फैसला कर सकते हैं।
मंजूर हुई अपील
दिल्ली वुमन कमीशन की अर्जी को पहले रजिस्ट्रार ने अपने लेवल पर देखा। उन्होंने कमीशन से कानूनी पहलुओं पर सवाल किया है कि क्यों उनकी अपील मंजूर की जाए? कमीशन के जवाब के बाद रजिस्ट्रार ने रिव्यू किया और जस्टिस गोयल के पास गए।
दोषी के वकील ने कहा नौटंकी है ये सब दोषी के वकील एमएल शर्मा ने कहा, "नौटंकी है ये। रात के वक्त गरीब को परेशान करने के लिए दिखावा किया जा रहा है। बच्चे को पहले ही सजा मिल चुकी है। ये (दिल्ली आयोग) साबित करना चाहते हैं कि कानून के ऊपर यही लोग सबकुछ हैं।’
क्या कहा स्वाति मालीवाल ने ?
स्वाति ने कहा, "यह देशभर की निर्भयाओं के लिए किया जा रहा है। कोई नहीं चाहता है की आरोपी की रिहाई हो। इस बारे में रजिस्ट्रार ने सारे पेपर मंगाए हैं। मैं उम्मीद में हूं कि आरोपी नहीं रिहा होगा।’
हाईकोर्ट ने रिहाई पर रोक लगाने से किया था इनकार
निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस फैसले के बाद निर्भया की मां कोर्ट में रो पड़ीं। उन्होंने कहा, "क्राइम जीत गया, हम हार गए।"
राज्यसभा में अटका है सख्त बिल
लोकसभा ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट अमेंडमेंट बिल 2015 मई में पास कर दिया था। मौजूदा विंटर सेशन में यह बिल राज्यसभा के कामकाज की लिस्ट में दो बार रखा गया। लेकिन कुछ मेंबर इसे सिलेक्ट कमेटी में भेजना चाहते थे। बिल इसी वजह से रुका हुआ है।
क्या हुआ था 16 दिसंबर, 2012 की रात?
दिल्ली में पैरा मेडिकल की स्टूडेंट 23 साल की निर्भया 16 दिसंबर की रात अपने दोस्त के साथ मूवी देखकर लौट रही थी। उसे एक बस में मौजूद कुछ लोगों ने धोखे से बैठा लिया था। छह बदमाशों ने निर्भया से बर्बरता के साथ चलती बस में गैंगरेप किया था। बाद में उसे और उसके दोस्त को रास्ते में फेंक दिया था। 13 दिन बाद इलाज के दौरान सिंगापुर में निर्भया की मौत हो गई। देशभर में गैंगरेप केस का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। एक दोषी ने तिहाड़ में फांसी लगा ली थी। चार को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। एक जुवेनाइल था, जो अब रिहा होगा।