नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के सबसे धारदार नेता और कवि कुमार विश्वास ने जेटली के साथ चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के मद्देनजर कहा है कि उनकी कविताओं पर लगाम लगाने के लिए वित्त मंत्रालय ने सर्विस टैक्स के प्रावधानों में ही बदलाव कर दिया है। विश्वास का कहना है कि जेटली ने उनकी कवितापाठ को रोकने के लिए टैक्स लगा दिया है।
कवितापाठ के लिए 1 लाख से ज्यादा की रकम लेने वाले कवियों पर सर्विस टैक्स
"इंडिया संवाद" ने जब कुमार विश्वास से पूछा कि क्या यह टैक्स अन्य शायरों या कवियों पर भी लगाया गया है तो उन्होंने कहा कि जून 2015 में सर्विस टैक्स के नियमों में जानबूझकर बदलाव किया गया। इस बदलाव के तहत सर्विस टैक्स के दायरे में उन कवियों और शायरों को भी जोड़ा गया है जो कविता-पाठ के लिए एक लाख से ज्यदा की रकम लेते हैं।
विश्वास 1 लाख से ज्यादा की रकम लेते हैं
विश्वास का कहना है, क्योंकि वह एक ऐसे एकमात्र कवि हैं जिनको कविता पाठ के लिए एक लाख से ज्यादा की रकम मिलती है। इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नए टैक्स नियमों में एक लाख से ऊपर की रकम लेने वाले कवियों पर सर्विस टैक्स लगा दिया है।
इससे पहले नही था यह प्रावधान
उनके अनुसार इससे पहले के टैक्स नियमों के मुताबिक बिना इंस्ट्रुमेंटल कलाकारों पर टैक्स का प्रावधान नही था। ख़ास तौर पर ऐसे कवियों, शायरों पर जो बिना किसी वाध्य यंत्रों के मंच पर कविता पाठ करते हैं।
गौरतलब है कि मई 2015 में बजट के दौरान शास्त्रीय कला के क्षेत्र में ऐसे परफार्मिंग आर्टिस्ट पर सर्विस टैक्स लगाया गया था जो एक लाख रूपये से अधिक की रकम लेते हैं। यह उन कलाकारों पर लागू होता था जो डांस के साथ-साथ थिएटर, संगीत, और वाध्य यंत्रों के परफॉरमेंस के लिए एक लाख से ज्यादा की रकम लेते थे।