26 अप्रैल 2020
घायल मेरे मन की आशा मन में व्याप्त भरी निराशा क्यों चुप है सत्ता में बैठी सरकारेंनहीं सुनाई देती क्या निर्धनों के चीख पुकारे। हर बार बात तो करते हैं ये अर्थव्यवस्था ठीक हो जाएगी लेकिन के यह क्या जाने इनकी बातों से नहीं होगा कुछ निर्धनों