हालात बदले हुए है। शाम दिल्ली में हवाएं रूप, बदल बदल कर आ रही थी। हवाओं ने नीम और जामुन के पत्ते फूल गिरा दिए।चौक-चौराहे में लहराते, तिरंगों को फाड़ कर रख दिए।बादलों की गर्जन से, आसमानी बिजली भी चमक गई।काली खाली सड़को में, सायरन एम्बुलेंस के बज रहे।किसी मे कराहती सासे, या कफ़
मान लो सरकारदुनियाँ का हर दर्द भुलाया बिसराया जा सकता है।बस अपने दर्द न दे वरना ये दर्द पत्थरों के वार से, ज्यादा घाव देते है, कोमल जिंदगी को नासूर बना देते है।इसमें कोई भी मलहम काम नही करता सिवा आपसी प्यार के। कहने को तो कहते है लोग, जलने से पहले धुँआ उठता जरूर है। लेकिन जब जिंदा लाशें जलती है तो उ
धनहर और मनहरधनहर मनहर दोनो साथी और संघाती है।गंगा में धनहर नाव तो मनहर पतवार है।बीज बोता धनहर खेत मे, ध्यान मनहर देता है।ट्यूबवेल धनहर का बरहा होता मनहर का।फसल बड़ी हुई धनहर की काटता मनहर है।धनहर फसल लाया शहर में मनहर गांव में।धनहर की झोली भरी मनहर की जेब ऊँची हो गई।धनहर की कोठी हवेली, मनहर की झोपड़ी
अभी हाल में ही मैंने बिहार विधानसभा के आम चुनाव और मध्य प्रदेश के उपचुनावों के संबंध में यह लिखा था कि ‘‘अंकगणित की जीत‘‘ के साथ ही उससे उत्पन्न ‘‘परसेप्शन‘‘ को जीतने पर ही ‘‘जीत पूर्ण‘‘ कहलाती है। किसान आंदोलन को देखते हुए परसेप्शन का उक्त सिद्धांत संसद एवं सरकार द्वारा लागू अधिनियम एवं लि
हम धरती पुत्र है।सरकार ने मुँह फेर लिया, किसानों ने बॉर्डर पर डेरा डाल लिया।डेरा डाल, किसानों ने ललकारा है। अब धरती पुत्र ने जवानों का कर विरोध, सरकार से कानून वापस लेने का पैगाम भेजा है। मान लो किसानों का कहना मान लो। फसल को बड़ा कर किसान काटना जानता है।ये तो सरकार है, इसको भी जड़ से गाजर मूली की तरह
इस्लामिक गणराज्य ईरान अपने में एक पहेली हैडॉ शोभा भारद्वाज इस्लामिक गणराज्य ईरान अपने में एक पहेली है इस मुल्क को वही समझ सकते हैं जो लम्बे समय तक वहाँ रहें हैं जिनका जनता से सम्पर्क रहा है ईरान अपने में ही पहेली है सत्ता पर पूरी ईरान को समझना आसान नहीं
वाद को पनपने मत दो।गाँव मे जातिवाद, जिले में गैंगेस्टर, प्रदेश में माववादी, प्रदेश बॉर्डर में नक्सलवादी, देश बॉर्डर में आतंकवादी। इन सब से हारे तो वायरस वाद, इन सब का बाप राजनीतिवाद। यह आम जनता को न जीने देते है न मारने देते है। इन सब का झूठ का पुलिंदा बांधने वाला मीडियावाद, आजकल समाजवाद पर हॉबी है।
राजस्थान में राज्य सभा के हो रहे चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस का यह बयान आया है कि, राजस्थान में भी भाजपा ने मध्य प्रदेश के समान ही‘ ऑपरेशन कमल‘ पर अमल करना शुरू कर दिया है। भाजपा खरीद फरोख्त के द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। विधायक दल के सचेतक द्वारा इसकी भ्
बेबसी सरकार की...हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।कोरोना ने इनमे दूरियाँ बढ़ाई, नेताओ ने मौज मनाई।जहाँ हो वही रहो यह बात, जनता को समाझ न आई।कोटा के विद्यार्थियों ने,सत्ता में खूब उठापटक मचवाई।जाग परेशान सत्ता ने, एक मई से श्रमिक ट्रेन चलवाई।चढ़ भेड़ बकरियों की तरह, ट्रकों में अपनी जान गवाई।स
घायल मेरे मन की आशा मन में व्याप्त भरी निराशा क्यों चुप है सत्ता में बैठी सरकारेंनहीं सुनाई देती क्या निर्धनों के चीख पुकारे। हर बार बात तो करते हैं ये अर्थव्यवस्था ठीक हो जाएगी लेकिन के यह क्या जाने इनकी बातों से नहीं होगा कुछ निर्धनों
अब अपने को अपने ही घर मे कैद कर,अपने और अपने देश की कर लो हिफ़ाजत आज।अब जो आयीं ये संकट की घड़ी तो मिलकर काट लो आजबस ये मानों , आज ख़ुद से खुद के लिये एक जंग हैं,,पर ये देश हमारा ही एक अभिन्न अंग हैं।हा माना,, हमनें कभी इतनी बंदिशों में जीना नहीं सीखा,, पर यह तो समझो ये बंदिशे ही,, हमारा आने वाला कल है
आज के समय में युवाओं को किसी भी सरकारी विभाग में कोई भी पद पर नौकरी मिल जाए तो ये उनके लिए सौभाग्य की बात हो जाती है। अगर ये नौकरी बैंक की हो जाए तो पांचों उंगलियां घी में और सिर कढ़ाई में वाली कहावत लागू हो जाती है। बैंक की नौकरी का समय सबसे सूटेबल और आरामदायक होता है तभी लोग दिन रात पढ़कर बैंक की
देश में जहां हर गावं, हर घर में बिजली मिलने की धूम मची है,वहीं दिल्ली में बिजली का नया कनेक्शन के लिए उपभोगताको प्राइवेट बिजली कम्पनी ( जैसे BSES यमुना पॉवर लिमिटेड, जिसमें 49%हिस्सेदारी दिल्ली सरकार व् 51% हिस्सेदारी BSES की है)के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।इसका कारण यह है कि DERC अधिनियम 2017 के
लेख के पहले भाग में मैंने यह तर्क दिया था कि देश कोसिर्फ एक मज़बूत सरकार ही सुरक्षित रख सकती है. देश को तोड़ने के प्रयास में कई शक्तियाँसक्रिय हैं, इसलिए चौकस रहना हमारे लिए एक मजबूरी ही है.आम आदमी को यह बात समझनी होगी कि शक्तिशाली लोग, धनी लोगकहीं भी, कभी भी जाकर बस सकते हैं. पर ऐसा विकल्प आम आदमी के
आज कल हम देखते हैं की कुछ योग्यतापूर्ण छात्रों के बड़े बड़े सपने होते हैं| वे अपने और अपने परिवार के हर सपने को पूरा करना चाहते हैं| उनके अंदर योग्यता भी भरपूर रहती है लेकिन उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति उन्हें उनकी जिंदगी से काफी पीछे छोड़ देती है| आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं
सबसे पहले यह स्पष्ट करना अनिवार्य होगा कि यह अपीलमज़बूत सरकार चुनने के लिये है, मोदी सरकार चुनने के लिये नहीं. अगर आपको लगता हैकि कांग्रेस एक मज़बूत सरकार दे सकती है तो उसे भरपूर बहुमत देकर जितायें. और अगरआप समझते हैं कि बीएसपी, या टीएम्सी या एएपी या कोई अन्य दल या दलों का समूह मज़बूतसरकार दे सकता है त
वास्तव में हमारे देश में यदि किसी भी ‘‘सरकार’’ से कोई निर्णय अपने पक्ष में करवाना हो तो सरकार के चुने जाने के 4 साल तक तो वह आपकी मांगे व मुद्दो पर गंभीरता से कोई विचार ही नहीं करती है, क्योकि तब तक वह आपके चुनावी दबाव में ही नहीं होती है। परन्तु चुनावी वर्ष में चुनावी मोड में आ जाने के बाद आपका मु
आशियाना नहीं धोखा हैं.डीडीए फ्लैट, यह नाम अपने आप मे बहुत बड़ा हैं दिल्ली शहर के लिए यह लाईन उस औरत केज़ुबान से सुना जिसने पहली बार सावदा घेवरा के फ्लैटों मे अपने कदमो को रखा थाजिसके पापा ने 1985 मे एक घर होने की चाहत को सजाया था। वह सफदर जंग कालोनी से आएथे उनके पास अपनी कार थी उसमे पाँच लोग सवार थे।
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने मैनेजमेंट ट्रेनी पोस्ट की वैकेंसी भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। कंपनी इस पोस्ट पर 300 ट्रेनी मैनेजमेंट (टेलिकॉम ऑपरेटर्स) को अपॉइन्ट करेगी। जो लोग इन पोस्ट पर आवेदन करने चाहते हैं उन्हें 26 जनवरी, 2019 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना हो