कालेज के दिन
होतें हैं..सम्भलने के दिन..
रोक टोक से थोड़ी आजादी
माँ पापा से..हो या दादा दादी..
कॉलेज के वो दिन...
सुनहरे सपनों के दिन..
जिन्होंने अपने सपने को हैं..
लगे साकार करने में..अपना समय..
उनके तो...हर सपने पुरे कर लिये..
जो लग गये बस गॉसिप में..
वो फिर रह गये बंचित सुनहरे दिन देखने से..
तो.. सुनो जी ऐ.. टीन एजर..
तो सदुपयोग करें अपना यें पहर..
लगाये अपने गोल पे जरूर से हीं ध्यान ..
सभी बड़ो को माने.. अपने शुभ चिंतक जान..
हमारे नव युवा इस उम्र में लगा कर अपना तन मन धन..
निभाते जाये एक कुशल नागरिक.. बन..
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