खो जाएगे पढ़ने में, आगे क़ी लिखाई ऐसी होगी..होश में लाने के.. लिये भी...फिर.. से..कलम और रोशनाई हीं काम आएगी 🤗🤗।
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<p>मैं हूँ पुष्प संग कली</p> <p>लुभाऊ मै खुब तितली</p> <p>जो ढूंढे मुझे गली-गली</p> <p>मैं हूँ पुष्प
🙏🏻 भाई एवं बहनोंं इतनी प्रयास के बावजूद भी नारियो पर अन्याय होना रुक नहीं रहा है । ये तो बुरी बात हुई ना । अभी भी इतने शिक्षा के प्रसार प्रचार के बाद भी बहुत ही तबको में &nbs
आ तुम नजर नहीं आते मुझे तो.. हम वेचैन हो जाते... क्या ऐसी..नौबत तेरे संग भी.. हैं..हो पाते ... 🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗 बताना जरूर हीं तुम...मेरे हमसफ़र प्यारे शहजादे.... ख़्वाबों में क्या..
🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓 यें कैसी विरह..जान ले छोड़ेगी लगता हैं तो बस....अब ऐसा हीं यें विरह.... बस प्यार में होता हैं..क्या.. जो यें मुझें...अब महसूस हैं हो रहा.... यें.. तो.. अब..ऐसी तड़प.. जान ले छ
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 मैंने गिरगिड़ा अपनी प्यार क़ी दुहाई देती रहीं..थी फिर भी वो मिलना आखिरी मुलाक़ात हो गई थी कितना हीं तो तन मन धन सब हीं लुटाया था उसपे पर उसे तो मेरी हर हरकत बकबास लगने
🌺💮🌺💮🌺💮🌺💮 यें कैसी विछड़न.. क्यों गये वहाँ जहाँ न.. हो सके कोई मिलन.. विरह क़ी बेला.. कैसी यें बेला.. कैसे करुँ कोई.. आस.. जहाँ मिलन क़ी ना कोई आस.. ऐसे छोड़ कोई जाता हैं क्या.. कोई ऐसे छोड़ विरह दे
<div><span style="font-size: 1em;">🌺💮🌺💮🌺💮🌺💮</span></div><div align="left"><p dir="ltr"> यें कैसी विछड़न..<br> क्यों गये वहाँ जहाँ न..<br> हो सके कोई मिलन..<br> विरह क़ी बेला..<br> कैसी यें बेला.
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 टूटने क़ी कगार के वावजूद भी अगर.. नई शुरुआत.. के उमंग लिये.. फिर से नई शुरुआत जा किये.. भूल सारे दुःख,पीड़ाएँ.. खुशियाँ ढूंढ आ गले लगाएँ इस मामले में सोच तो जाएं ढूंढ ढूंढ ख
🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓यें कैसी विरह..जान ले छोड़ेगीलगता हैं तो बस....अब ऐसा हींयें विरह.... बस प्यार में होता हैं..क्या..जो यें मुझें...अब महसूस हैं हो रहा....यें.. तो.. अब..ऐसी तड़प..जान ले छोड़ेगी.. हीं.
मत करों मुझसे गैरों से.. सलूक.. ख़बर.. मुझें भी हैं.. तुम मुझें अपना मानते नहीं.. पर यें मत सोचो क़े.. यें.. तुम इसे आसानी से दोगे..इसे तोड़ .. क्योंकि तुम तो बस तोड़ना जानते हो..ना हीं सीखे हो..तुम जोड़..