मैं चाहता हूँ ;
तुम पैरों में पायल की बजाय
बैजंती की लड़ी पहनों,
अधरों एवम मुख के बजाय
अपने हृदय से बोलो,
केशों को हाथों के बजाय
वायु के झोंकों से सवारों,
सड़कों, मॉलों और बिग बाज़ारों के बजाय
मेरे संग वनों में घूमों,
हाथों में मोबाइल के बजाय
कमल की पंखुड़ियां से खेलो,
तुम मेरे अधरों के बजाय
माथे पर चुम्बन करो,
सीमित समयों को किसी और के बजाय
मेरे साथ नदियों, पेडों के नाम करों,
हाँ मैं चाहता हूँ;
तुम मेरी या किसी और की होने के बजाय
स्वयं को अपने नाम करो..
*शिवम*..