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पंख होते तो

16 सितम्बर 2022

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है मंजिल दूर नही तू चल रुक मत ,                        आये कई आंधी तूफान डर मत,                              रख हौसला आगे बढ़ ,मंजिल दूर नही।                    एक वो दिन था जो लोग कहते थे ।                          एक दिन आएगा जब लोग कहेंगे ।                           है आसान नही राह तेरी                                       सुलगते अंगारो पर चलना पड़ेगा ।                           न जाने कब वो सपने भरे दिन चले गए।                हमारी जिंदगी से ओर न जाने                                  कब ये सफर शुरू हुआ ।                                    क्या मालूम था जिंदगी के इस सफर में                      है साथ अपनो का वो छूट जाएगा।
जब अपनो के बारे मे बहुत सोचा                              तो अपनो ने ही मेरे विसवास का गला दबा दिया।      फिर क्या एक मरी हुई जिंदा                                     जिंदगी जी रही हूँ।                                              इस सफर में मैं अब तो हसना भी भूल गयी हु। ना जाने क्यों जी रही हु मैं ।✍️🌹

-डिंपल कुमारी🌹✍️


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पंख होते तो

16 सितम्बर 2022
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