हैं यह नश्वर प्राण
हैं यह नश्वर जीवन
नश्वर है अपनी काया
नश्वर हैं अंत
नश्वर ही नश्वर हैं
पर एक सृजन है प्रकृति
एक सृजन है आत्मा
एक सृजन है परमात्मा को जानना
एक सृजन हैं आशा की किरण
एक सृजन हैं कलाकारी
एक सृजन हैं नश्वर जीवन को प्राण देना
नश्वर हैं किन्तु सृजन भी है
सृजन है तभी तो नश्वर है
बिन सृजन के नश्वर का अस्तित्व नहीं
औऱ नश्वर है तभी तो सृजन हैं
बिना सृजन के नश्वर संभव नहीं
सृजन ओर नश्वर एक रथ के दो पहिये हैं ,
एक के ना होने से दूसरा भी नही।
प्रकृति बनती है और समाप्त भी
लेकिन उसका फिर सृजन होता है ।