1. भूखा है तो पत्नी को काटकर खा सकता है पति:
आपने फतवों और उनसे जुड़े कई विवादों के बारे में ज़रूर सुना होगा। बता दें कि इस्लाम धर्म में जब भी किसी मुद्दे पर धार्मिक स्कॉलर से सलाह मांगनी होती है तो आप एक अपना सवाल पूछते हैं। इस सवाल का जवाब वो स्कॉलर फतवे के तौर पर देता है। आज हम आपको ऐसे ही 5 फतवों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें सुनकर आप हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाएंगे...
सऊदी अरब के शाही इमाम मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज बिन अब्दुल्लाह अपने कई कट्टर और बेसिरपैर के फतवों के लिए चर्चाओं में रहे हैं। लेकिन बीते साल उन्होंने एक ऐसा फ़तवा दे डाल जिससे उन्हें आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। दरअसल अब्दुल्लाह ने एक फ़तवा जारी करके कहा था कि अगर पति बहुत भूखा है तो वो अपनी पत्नी के शरीर के अंगों को काटकर खा सकता है। शाही इमाम के मुताबिक अगर पत्नी का शरीर पति की भूख मिटाता है तो ये महिला की अपने पति के प्रति वफादारी और समर्पण के बतौर देखा जाएगा।
2. ये करेंगे तो मर्द हो जाएंगे प्रेग्नेंट:
इस्तानबुल के एक धार्मिक स्कॉलर मुकाहिद सिहाद हान ने फतवे के ज़रिए चेतावनी जारी की थी कि जो लोग मास्टरबेशन करते हैं, मरने के बाद उनका हाथ प्रेग्नेंट हो जाता है। वो हाथ न सिर्फ प्रेग्नेंट हो जाता है बल्कि उनसे अधिकारों की भी मांग करता है। सिहाद हान के इस फतवे का सोशल मीडिया पर भी खूब मज़ाक उड़ाया गया था। कुछ लोगों ने सवाल भी पूछा कि हाथ का अबॉर्शन कैसे करवाया जाता है।
3. अपने साथ ऑफिस में काम करने वालों के साथ ये करें महिलाएं:
मिस्र में भी शीर्ष मौलवियों के एक बडे समूह ने एक ऐसा फतवा जारी किया जो जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। बता दें कि इस फतवे में कहा गया था कि मिस्र की कामकाजी महिलाएं अपने साथ काम करने वाले मर्दों को अपनी छाती का दूध पिलायें। फतवे के मुताबिक स्तनपान कम से कम दिन में पांच बार कराया जाना चाहिए। मौलवियों के इस संगठन का तर्क था कि औरत और मर्द के एकसाथ रहने से उनके बीच जिस्मानी ताल्लुकात पैदा हो जाने की आशंका बेहद होती है, मगर यदि आफिस में काम करने वाली हर महिला अपने साथी काम करने वाले मर्द को अपनी छाती का दूध पिलायेगी तो उनके बीच मां-बेटे का रिश्ता कायम हो जाएगा ओर इसके चलते उनके बीच जिस्मानी रिश्तों की गुंजाइयश नहीं रह जाएगी।
4. औरतें केले और खीरे को न छुएं:
ऐसे फतवों में पश्चिम देशों के मौलाना भी पीछे नहीं हैं। इंग्लैंड के मौलाना ने फतवा जारी कर औरतों को सलाह दी कि औरतों को केला और खीरा को छूना भी नहीं चाहिए। मौलाना का मानना था कि इन फलों के छूने से महिलाओं में गंदे विचार पैदा हो सकते हैं। फतवे में आगे ये भी कहा गया था कि अगर कोई महिला ऐसे आकर के फल या सब्जी खाना चाहती है तो उसके पास मौज़ूद पिता, पति या भाई को उसकी मदद करनी चाहिए और खीरे या केले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर महिला को खिलाना चाहिए।
5.सीताफल है हिंदू और टमाटर ईसाई:
मिस्त्र की इस्लामिक एसोसिएशन ने तो सारी ही हदें पार कर दीं और सब्जियों के भी धर्म बता डाले। इस फतवे में स्कॉलर सलाफी शेख ने टमाटर को ईसाई बता दिया। इसमें कहा गया है कि टमाटर को दो हिस्सों में काटने पर वह उसमें क्रॉस की तरह आकृति नज़र आती है। ये मुस्लिमों के लिए ठीक नहीं है। इसके बाद केले और ककड़ी को लेकर भी फतवा जारी कर दिया गया और सलाह दी गई कि सीताफल को सिर्फ हिंदू खाएं।