19 मार्च 2023
एक बगिया में लगे थे हजारों फूलमुस्कराकर हवा के साथ रहे थे झूलले रहे थे वो सभी अपने यौवन का आनन्दऔर मादक खुशबू फैलाने में थे मशगूल।गुजरता है कवि "दीप" वहां सेऔर पास जाकर पूछता है फूल सेक्यों मुस्कराए ज