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दीप की काव्यांजलि

दीप की काव्यांजलि

यह किताब एक कविता संग्रह है। मैंने अपने अनुभवों को शब्दों में पिरोकर कविता का रुप दिया है।कहते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो समाज में होने वाली घटनाएँ तथा ज़िन्दगी के खट्टे मीठे अनुभव यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत हैं।अपनी व्यस्त दिनचर्या

93 common.readCount
108 common.articles

निःशुल्क

दीप की काव्यांजलि

दीप की काव्यांजलि

यह किताब एक कविता संग्रह है। मैंने अपने अनुभवों को शब्दों में पिरोकर कविता का रुप दिया है।कहते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो समाज में होने वाली घटनाएँ तथा ज़िन्दगी के खट्टे मीठे अनुभव यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत हैं।अपनी व्यस्त दिनचर्या

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 "दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

"दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

यह एक कविता संग्रह है। जिसको हमने "दीप का कविता संग्रह" नाम दिया है। इसमें हमने हमारे समाज , प्रकृति और आसपास होने वाली घटनाओं को कविता का रूप दिया है। इस काव्य संग्रह की रचनायें किसी विशेष भाव से प्रेरित नहीं हैं।इस कविता संग्रह में हर प्रकार के भाव

31 common.readCount
72 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 69/-

 "दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

"दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

यह एक कविता संग्रह है। जिसको हमने "दीप का कविता संग्रह" नाम दिया है। इसमें हमने हमारे समाज , प्रकृति और आसपास होने वाली घटनाओं को कविता का रूप दिया है। इस काव्य संग्रह की रचनायें किसी विशेष भाव से प्रेरित नहीं हैं।इस कविता संग्रह में हर प्रकार के भाव

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हमारा ग्वालियर

हमारा ग्वालियर

इस किताब में ग्वालियर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक तथ्यों को हमने कविताओं के रूप में व्यक्त करने का प्रयास किया है।ग्वालियर जिसे संगीत नगरी का दर्जा भी प्राप्त है।ग्वालियर की फ़िजा में संगीत घुला बसा हुआ है।यहाँ का स्थापत्य बेजोड़ है।ग्वालियर का

8 common.readCount
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हमारा ग्वालियर

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इस किताब में ग्वालियर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक तथ्यों को हमने कविताओं के रूप में व्यक्त करने का प्रयास किया है।ग्वालियर जिसे संगीत नगरी का दर्जा भी प्राप्त है।ग्वालियर की फ़िजा में संगीत घुला बसा हुआ है।यहाँ का स्थापत्य बेजोड़ है।ग्वालियर का

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शेरो-शायरी

शेरो-शायरी

मैं इस किताब में मन में आये विचारों को सूक्ष्म रूप से शेर या शायरी के रूप में लिखने का प्रयास कर रहा हूँ।मुझे उर्दू शब्द काफी आकर्षित करते हैं।कोशिश कर रहा हूँ उन शब्दों के माध्यम से अपने जज्बातों को व्यक्त कर सकूँ।उम्मीद है कि मेरा यह प्रयास आप लोगो

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20 common.articles

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शेरो-शायरी

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मैं इस किताब में मन में आये विचारों को सूक्ष्म रूप से शेर या शायरी के रूप में लिखने का प्रयास कर रहा हूँ।मुझे उर्दू शब्द काफी आकर्षित करते हैं।कोशिश कर रहा हूँ उन शब्दों के माध्यम से अपने जज्बातों को व्यक्त कर सकूँ।उम्मीद है कि मेरा यह प्रयास आप लोगो

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मेरे एहसास

मेरे एहसास

इस किताब में मैने अपने अंदर के एहसासों को कविताओं के रूप में ढाला है।

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6 common.articles

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बंदिशें

13 अक्टूबर 2024
1
0

आप बिछा के जाल कुछ चिड़ियों को फंसा सकते हो, मगर परिंदों को मुक्त गगन में उड़ान भरने से नहीं रोक सकते।बंद कर तोते को पिंजरे में अपनी बोली बुलवा सकते हो,मगर पक्षियों के चहचहाने पर शर्त नहीं लगा सक

पानी का मोल

11 सितम्बर 2024
1
1

बिन पानी क्या खेत-खलिहानबिन पानी नहीं गुल्म में जान बिन पानी क्या कश्ती का मान बिन पानी सब वृथा समान।बिन पानी क्या पोखर-तालबिन पानी क्या नदियों का हाल बिन पानी संकट विकरालबिन पानी जीवन

महान चित्रकार

1 सितम्बर 2024
1
0

यह कौन चित्रकार है आयाजिसने नभ पर चित्र बनायापूरब से पश्चिम तक देखोइंद्रधनुष है नभ पर छाया।नभ में भूरे-काले बादल लेकरकभी वह हाथी का चित्र बनाताकभी चूहा सरपट दौड़ाता तो कभी शेर है दहाड़ लगाता।इस न

मतलबी दुनिया

29 अगस्त 2024
2
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रोज दो चार अंडे देने तकखिलाया जाता है दानाऔर पिलाया जाता है पानीउसके बाद उदर में समा जाती हैं मुर्गियां।देती हैं दूध जब तकमिलता है हरा चाराऔर रोज की जाती है सानी फिर सड़क पर भटकने छोड़ दी जाती है

पुस्तक होती गुरु समान

20 अगस्त 2024
1
0

पुस्तक देती हम सबको ज्ञान होती है यह बहुत महान जो भी इनको ध्यान से पढ़ता बढ़ जाता है उसका ज्ञान।किताब बताती सही रास्ता होती है यह गुरु समान जो भी इससे सीख है लेता हो जाती

शाश्वत प्रेम

20 अगस्त 2024
1
0

प्रेम बिना जीवन नहीं प्याराप्रेम बिना तरुवर दुखियारा प्रेम बिना नहीं कहीं उजियारा प्रेम बिना मन में अंधियारा। प्रेम बिना नहीं जीव उत्पत्ति प्रेम बिना चहुं ओर विपत्ति प्रेम बिन

ऋतुराज वसंत

12 अगस्त 2024
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सर्दी की हो गई विदाई देखो वसंत ऋतु है आई खेतों में सरसों लहलाई पीले फूलों की बहार है छाई।अब मौसम ने ली अंगड़ाई धूप में भी गर्माहट है आई आमों में आई है अमराई चारों तरफ हैं

मेघ मल्हार

6 अगस्त 2024
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*मेघ मल्हार*आज तो बादल गरज रहे हैं झूम झूम कर बरस रहे हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही हैतपते तन में सुकून भर रही है। झुकी जा रहीं पेड़ की डालियाँ प्रकृति का आलिंगन करने कोधरा भी तैयार हो

अनमोल दोस्त

4 अगस्त 2024
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दोस्त होते हैं बड़े अनमोलबिना दोस्त नहीं जीवन का मोल,जीवन के हर मोड़ पर आकरवो देते हैं खुशियाँ घोल।दोस्त वही जो दोष मिटा देसही रास्ता वो दिखला दे,मलिन हुए मुख मंडल पर भीपल भर में हँसी वो ला दे।हर राज़

गलतियाँ जीवन की गुरु होती हैं!

21 जुलाई 2024
2
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कुछ लोग ठोकर खाकर विखर जाते हैं कुछ लोग ठोकर खाकर बिफर जाते हैं मगर सफ़लता पाते हैं वही लोग जो ठोकर खाकर निखर जाते हैं lजीवन में छोटी छोटी कठिनाईयां आती हैं और चली जाती हैं दे

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