shabd-logo

Pradeep Tripathi के बारे में

Educator, Motivator, Writer, Poet, Youtuber

पुरस्कार और सम्मान

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-05-31
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-30
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-19
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-08
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-12-22
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-10-23
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-05
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-16
prize-icon
दैनिकलेखन प्रतियोगी2022-05-27
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-07
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-22
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-03
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-27

Pradeep Tripathi की पुस्तकें

दीप की काव्यांजलि

दीप की काव्यांजलि

यह किताब एक कविता संग्रह है। मैंने अपने अनुभवों को शब्दों में पिरोकर कविता का रुप दिया है।कहते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो समाज में होने वाली घटनाएँ तथा ज़िन्दगी के खट्टे मीठे अनुभव यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत हैं।अपनी व्यस्त दिनचर्या

85 पाठक
94 रचनाएँ

निःशुल्क

दीप की काव्यांजलि

दीप की काव्यांजलि

यह किताब एक कविता संग्रह है। मैंने अपने अनुभवों को शब्दों में पिरोकर कविता का रुप दिया है।कहते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो समाज में होने वाली घटनाएँ तथा ज़िन्दगी के खट्टे मीठे अनुभव यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत हैं।अपनी व्यस्त दिनचर्या

85 पाठक
94 रचनाएँ

निःशुल्क

 "दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

"दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

यह एक कविता संग्रह है। जिसको हमने "दीप का कविता संग्रह" नाम दिया है। इसमें हमने हमारे समाज , प्रकृति और आसपास होने वाली घटनाओं को कविता का रूप दिया है। इस काव्य संग्रह की रचनायें किसी विशेष भाव से प्रेरित नहीं हैं।इस कविता संग्रह में हर प्रकार के भाव

29 पाठक
72 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 69/-

 "दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

"दीप का कविता संग्रह" (विविध रँग)

यह एक कविता संग्रह है। जिसको हमने "दीप का कविता संग्रह" नाम दिया है। इसमें हमने हमारे समाज , प्रकृति और आसपास होने वाली घटनाओं को कविता का रूप दिया है। इस काव्य संग्रह की रचनायें किसी विशेष भाव से प्रेरित नहीं हैं।इस कविता संग्रह में हर प्रकार के भाव

29 पाठक
72 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 69/-

हमारा ग्वालियर

हमारा ग्वालियर

इस किताब में ग्वालियर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक तथ्यों को हमने कविताओं के रूप में व्यक्त करने का प्रयास किया है।ग्वालियर जिसे संगीत नगरी का दर्जा भी प्राप्त है।ग्वालियर की फ़िजा में संगीत घुला बसा हुआ है।यहाँ का स्थापत्य बेजोड़ है।ग्वालियर का

8 पाठक
7 रचनाएँ

निःशुल्क

हमारा ग्वालियर

हमारा ग्वालियर

इस किताब में ग्वालियर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक तथ्यों को हमने कविताओं के रूप में व्यक्त करने का प्रयास किया है।ग्वालियर जिसे संगीत नगरी का दर्जा भी प्राप्त है।ग्वालियर की फ़िजा में संगीत घुला बसा हुआ है।यहाँ का स्थापत्य बेजोड़ है।ग्वालियर का

8 पाठक
7 रचनाएँ

निःशुल्क

शेरो-शायरी

शेरो-शायरी

मैं इस किताब में मन में आये विचारों को सूक्ष्म रूप से शेर या शायरी के रूप में लिखने का प्रयास कर रहा हूँ।मुझे उर्दू शब्द काफी आकर्षित करते हैं।कोशिश कर रहा हूँ उन शब्दों के माध्यम से अपने जज्बातों को व्यक्त कर सकूँ।उम्मीद है कि मेरा यह प्रयास आप लोगो

7 पाठक
18 रचनाएँ

निःशुल्क

शेरो-शायरी

शेरो-शायरी

मैं इस किताब में मन में आये विचारों को सूक्ष्म रूप से शेर या शायरी के रूप में लिखने का प्रयास कर रहा हूँ।मुझे उर्दू शब्द काफी आकर्षित करते हैं।कोशिश कर रहा हूँ उन शब्दों के माध्यम से अपने जज्बातों को व्यक्त कर सकूँ।उम्मीद है कि मेरा यह प्रयास आप लोगो

7 पाठक
18 रचनाएँ

निःशुल्क

Pradeep Tripathi के लेख

माँ गंगा

14 मार्च 2024
1
0

हिमालय से कलकल करकेनिकलती है माँ गंगापहाड़ों में रास्ता बनातीचलती है माँ गंगा।मनमोहक संगीत सुनातीशुभ्र धारा में बहती माँ गंगाकितने मानव पशु पक्षियों कीप्यास बुझाती है माँ गंगा।पहाड़ों में बलखाती तो मैदा

गाँव का विकास

14 मार्च 2024
1
0

जब गाँव में सड़क बनी पहली बार,खुशी का ना रहा पाराबार,आवागमन हुआ आसान,और खुल गया समृद्धि का द्वार।आई बिजली गाँव में पहली बार,सर्वप्रथम रौशन हुआ घर का रामदरबार,फिर फ़्रिज के ठण्डे पानी का लुफ़्त,और टीवी पर

अस्तित्व

6 मार्च 2024
1
0

तुम अद्वितीय हो,अपना अस्तित्व बनाये रखना,तुम जो हो वही रहना,किसी और कि तरह बनने की कोशिश न करना।दरिया समुद्र में मिलने को,बहुत मचलता है,मगर समुद्र में मिलते ही,अपना स्वरूप खो देता है।कल तक जो था मीठा,

जुनूनी

23 फरवरी 2024
2
1

काँटे कहाँ रोक पाते हैं,एक राहगीर को चलने से।हवा कहाँ रोक पाती है,परिंदे को उड़ने से।।पत्थर कहाँ रोक पाते हैं,नदी को लहराकर बहने से।समुद्री लहरें कहाँ रोक पाती हैं,नाविक को आगे बढ़ने से।।सूर्य कहाँ रोक

ये कैसे किसान??

20 फरवरी 2024
1
0

निश्चय ही किसान देश का कर्णधार है,निःसंदेह वो भारत का सबल आधार है,अथक परिश्रम करके करता वो अन्न बौछार है,माना उसका देश पर बहुत उपकार है।किसानों की समस्या सुनना सरकार का सरोकार है,हर समस्या का समाधान ह

मेरो रामलला हैं आयो

20 जनवरी 2024
1
0

आयो रे आयो रेमेरो रामलला हैं आयो।।घर को सजाओवंदनवार लगाओचौक पूर करदीपक हैं जलाओ।आयो रे आयो रेमेरो रामलला हैं आयो।।आतिशबाजी जलाओढोल नगाड़े बजाओमस्त मगन हो नाचो गाओस्वागत में जयकारे लगाओ। आयो रे आयो

हम सबके हैं प्यारे राम

7 जनवरी 2024
0
0

न तेरे राम न मेरे रामहम सबके हैं प्यारे रामदशरथ राज दुलारे रामसारे जग के प्यारे राम। अयोध्या में पुनः विराजे रामजय श्रीराम जय जय श्रीराम!!कौशल्या के आँख के तारे रामश्याम वर्ण के न्यारे रामइस जग क

नव वर्ष

1 जनवरी 2024
1
0

ऐ ! नव वर्षतेरा स्वागत और वन्दन होबीती ताहि बिसारि केअब तेरा अभिनन्दन हो।सभी व्यस्त होंसभी मस्त होंइस जीवन की भागदौड़ मेंन किसी को कोई कष्ट हों।न किसी को कोई रोग होन किसी का कोई वियोग होआने वाले नए साल

ज़िन्दगी की रफ्तार

24 दिसम्बर 2023
1
0

ज़िन्दगी अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती हैयानी उम्र जीवन की हर पल घटती हैजैसे रेत ले लो मुट्ठी मेंफिर वो धीरे धीरे फिसलती है।ज़िन्दगी के हर पल को जीना सीख लोछोटी छोटी खुशियों में बड़ी खुशियाँ ढूँढ़ लोज़िन्दगी संग

संघर्ष जीवन के

23 दिसम्बर 2023
1
0

बिना पतझड़ के पेड़ में नए पत्ते नहीं आतेबिना संघर्ष के जीवन मेंअच्छे दिन नहीं आते।बिना भट्टी में तपे लोहे सेऔजार बन नहीं पाते।बिना भारी दाब और ताप झेलेकोयले से हीरे बन नहीं पाते।बिना छेनी हथौड़े की

किताब पढ़िए