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प्रकृति और मानव के अटूट प्रेम का पर्व :- वट सावित्री

3 जून 2019

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इस मतलबी सी ,क्रूर दुनिया में,

जहाँ लोग प्यासे हैं पानी नहीं,लहू के ।

उसी दुनिया का एक खूबसूरत सा चेहरा भी है ,

जहाँ किसी और की उम्र बढ़ाने को,

व्रत कोई और रखता है ।

जी हां उसी चेहरे को हिंदुस्तान कहते हैं ।।


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जी हाँ ये हिंदुस्तान है जहाँ स्त्रियाँ कभी संतान ,तो कभी पति सबके लिए व्रत रखती हैं। सच ये भी है कि उन स्त्रियों के लिए कभी किसी ने व्रत नही रखा।


आज वट सावित्री पूजा है, जो प्रकृति और मानव प्रेम का अनूठा उदाहरण है। स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं।


साथ ही इसमें एक चीज खास है वो है "प्रकृति की पूजा" ।


सच ही कहा जाता है,बड़े बुजुर्गों ने जो नियम हमारे लिए बनाये थे,उनमें कुछ न कुछ वैज्ञानिक रहस्य भी छिपा हुआ था।


प्रकृति जिसे हमनें अपने स्वार्थपूर्ति हेतु बहुत ही क्षति पहुंचाई है, लेकिन उसने हमेशा हमारा भला ही चाहा है ।लेकिन अब प्रकृति से छेड़छाड़ के नतीजे कभी तो अत्यधिक वर्षा तो कभी सूखा ,कभी और किसी प्राकृतिक आपदा के रूप में हमारे सामने आ रहे हैं । अब भी हम नहीं सुधरे तो ये आपदाएं हमारे लिए और भी खतरनाक साबित हो सकती हैं।

ऐसे में जरूरत है,कम से कम अब तो हम पर्यावरण के प्रति सचेत हों। प्रदूषण मुक्त दुनिया बनाएं...।

पर्यावरण दिवस आने वाला है 5 जून को, कई जगहों पर कार्यक्रम होंगे, प्रकृति को प्रदूषण से बचाने की बातें भी होंगी ...लेकिन हम सिर्फ सरकार या उनकी नीतियों के भरोसे न रहें तो अच्छा है। उस दिन एक पेड़ जरूर लगाएं,और उसे बचाएं भी।


साथ ही सभी से अपील करें कि किसी भी शुभ अवसर पर पार्टी करने में भले थोड़ी कंजूसी हो जाये,पेड़ लगाने में नहीं होनी चाहिए ।


#वटसावित्री #प्रकृतिप्रेम #पर्यावरण_दिवस#प्रकृति

anubhav

anubhav

पर्यावरण को बचाना है तो पेड़ लगाना है।

6 जून 2019

शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

बढ़िया लेख

4 जून 2019

रवि कुमार

रवि कुमार

सहमत हूँ आपसे

4 जून 2019

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

शुरू की ये पंक्तियाँ बहुत बहुत सुन्दर लिखी

4 जून 2019

किताब पढ़िए

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