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बहुत ही अच्छा है।

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अपने जीवन में अवसर का सदुपयोग बहुत जरुरी है.

27 फरवरी 2016
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एक महात्मा जी ने एक निर्धन व्यक्ति की सेवा से प्रसन्न होकर उसे एक पारस पत्थर दिया और बोले -" इससे चाहे जितना लोहा, सोना बना लेना . मैं सप्ताह भर बाद लौट कर  वापस ले लूंगा . " वह व्यक्ति बहुत खुस हुआ .उसने बाजार जाकर लोहे का भाव पूछा तो पता चला की लोहा सौ रुपये कुंतल बिक रहा है . उस व्यक्ति ने पूछा क

मानव सेवा ही भगवन का सच्चा भक्ति है.

26 फरवरी 2016
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कशी विश्वनाथ मंदिर में भगवन शिव की कृपा से अचानक एक दिन एक दिव्य थाल प्रकट हुआ . उस रात्रि भगवन ने पुजारी के स्वपन में आकर उनसे कहा -" यह दिव्य थाल शिवरात्री के दिन मेरे विग्रह के सामने रख देना. मेरा सच्चा भक्त उस दिन आएगा और यह दिव्या थाल उसके हाथ में चला जायेगा ." इस घटना की खबर चारो ओरफाइल गई . 

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