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प्रिये

27 सितम्बर 2019

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भागते-भागते जब तुम पहुँच जाओ श्रेष्ठता के शिखर पर,

पा लो ब्रह्मज्ञान का आशीष ,

पहुँच जाओ कला के उच्चतम बिंदु पर,

जान लो विज्ञानं के सारे रहस्य

बन जाओ विश्व विजेता,

प्रिये, तब कुछ देर रुकना तुम उस शिखर पर और सोचना ....


तुम हार गए एक प्रेमी का मन।

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