"रोहन वहॉ से भाग रहा था मगर आचानक रूक जाता है ,और सोचने लगता है कि अगर मै कही भी जाऊ ,वापस यही आ जाऊगा ,इसलिए मुझे यही रूक कर सोचना होगा कि इस मुसीबत से कैसे छुटकारा मिले ,,,,,,
"फिर वो उस घर के अन्दर जाकर खाट मे बैठ जाता है ,और सोचने लगता है कि ,कल रात मेरे साथ कुछ तो हुआ पर क्या यही मुझे याद नही आ रहा ,,,,,,,,
"फिर वो सोचता है ,,,, वो बुढा बाबा के हिसाब से जो इस जंगल मे फसता है ,,, वो जिन्दा वापस नही जा पता ,तो मुझे अब तक क्यु जिन्दा रखा गया है ,कही आज रात तो मै हलाल नही होने वाला ,,,, फिर वो ये सोचकर काफी डर जाता है ,,,, और डर से उसकी हालत खराब हो रही थी ,,,,,
" फिर उसका ध्यान मोहिनी की ओर जाता है ,और बार-बार अपने हाथ मे लगे घड़ी को देख रहा था ,,,, अभी 12 बजने मे 10 मिनट बाकी था ,जैसे-जैसे घंडी की सुईयॉ चल रही थी ,वैसे-वैसे उसकी धडकने बढ रही थी ,,,,,,
" फिर डर से वो उसी घर के अंदर इधर-उधर चक्कर काटने लगा ,और बार-बार घंडी को देखते जा रहा था ,फिर जैसे ही घडी की सुईयॉ 12 मे गई उस की डर से हालत खराब होने लगी ,फिर, ठीक पीछे से आवाज आती है,,,,,,क्या हुआ बाबु जी,,,, आवाज सुनते ही रोहन डर से खाट मे गिर गया ,,,फिर घुम कर देखा तो सामने मोहिनी खडी थी ,,,,, फिर वो बोली,,,,,क्या हुआ बाबु जी डर गए क्या ,,, और बताव ,,,,,,,,,,,,,,दिनभर घुमने के बाद यही वापस आ गए,,,, मेने तो आपको कहॉ था कि यहॉ से मत जाव ,,,, इस जंगल से नही निकल पाओगे ,मगर अपने मेरी एक बात ना सुनी ,,,फिर वापस इसी झोपडी मे आ गए ना ,,,,,
" फिर मोहिनी सामने खाना देखकर कहती है ,,,, बाबु जी आपने अभी तक खाना नही खाया ,,,,, मेरे बाबा भी ना बिना खिलाये चल गए,,, ,,, फिर, खाना उठाकर कहती है ,,,,, चलो बाबु जी मै आपको खिलाती हूं ,,,,,,,,
"फिर मोहिनी रोहन के बगल मे जाकर बैठ जाती है ,और रोहन डर से पिछे हट जाता है ,,,तो उसकी इस हरकत से मोहिनी कहती है ,क्यु बाबु जी आज मुझसे इतने दुर क्यु जा रहे हो ,,,,बोलते हुए मोहिनी रोहन के और करीब चली जाती है ,और और अपने हाथ से उसे खाना खिलाने लगती है ,,,,,,
"मगर रोहन उसका हाथ अपने मूंह से हटा देता है ,और कहता है ,मुझे नही खाना है ,बोलकर उसके पास से उठ जाता है ,,, और दुर जाकर खाडा हो जाता है ,,,,,
"रोहन की इस हरकत से मोहिनी को गुस्सा आता है , और अपनी ऑखे लाल कर लेती है ,,, तभी रोहन की नजर उसकी ऑख पर पडती है ,,,, उसकी ऑख देखकर रोहन डर जाता है ,, , फिर वो कहता है ,फिर वो हिम्मत करके मोहिनी से कहता है ,,,,, देखो मोहिनी मै तुमसे बहुत गुस्सा हूं , जब तुमेह पता था कि मै सुबह से यही भटक रहा हूं तो ,तुम मुझसे कयु नही मिलने आयी ,,,, मै कब से तुम्हारा इन्तजार कर रहा हूं , मगर पता नही तुम कहॉ थी ,,,, कब से मेरी ऑखे तुमको देखने के लिए तरस रही है ,, ,,
" फिर वो कहता है ,मेने तुम्हारे बाबा से भी कितनी बार पूछा कि मोहिनी कहॉ है अभी तक क्यु नही आ रही है ,मगर तुम्हारे बाबा ने कोई जवाब नही दिया ,, ,, और खाना रखकर चले गए कहॉ गए वो भी नही बताकर गए ,,,, मै कब से इस घर मै अकेला बैठा हुआ हूं , और तुम हो कि आ ही नही रही थी ,ऐसे मै मुझे डर लग रहे था ,,,, तो क्या करू गुस्सा तो आऐगा ना ,कोई किसी को इतना इन्तजार करवाता है क्या,,,, जाव मै तुमसे बात नही करूगा ,,,,,,
" रोहन की इस बात से वो शांत होकर नोर्मल हो जाती है ,और फिर रोहन से मुस्कराते हुए कहती है ,,,,, बाबु जी मुझे नही पता था कि आप मेरा इन्तजार कर रहे है ,तो मै पहले ही आ जाती ,माफ कर दो बाबु जी ,अब चलो गुस्सा छोड़कर ये खाना खा लो भुख लग रही होगी ना ,,,,,,,
,फिर रोहन डरते-डरते मोहिनी के पास जाकर बैठता है ,और कहता है ,मै खा लूगा तुम जाकर सो जाव हमलोग सुबह बात करेगे ,बोलकर मोहिनी के हाथ से खाना का प्लेट लेकर लेता है , इसपर मोहिनी कहती है ,बाबु जी मै रात मे नही सोती हूं ,,, बल्कि पूरी रात मुझे कुछ ना कुछ काम करना रहता है ,,
इसलिए आप मेरे सोने की चिन्ता मत किजिए, आप खाना खाईये मै आपके लिए पानी लेकर आती हूं ,बोलकर वो पानी लाने चली जाती है ,,,,, उसके जाते ही रोहन खाना खिडकी से बाहर फेक देता है ,और खाली प्लेट अपने हाथ मे पकडे रहता है ,,,,, फिर मोहिनी पानी लेकर आती है और खाली प्लेट देखकर कहती है ,अरे बाबु जी इतनी जल्दी खाना खा लिए ,,,,,
चलिए अच्छा है ,कम से कम आप खाना तो खाया ,अब लो ये पानी पीकर सो जाव ,,,, तभी रोहन पूछता है ,मोहिनी मुझे तुमसे कुछ बात करनी है ,,,,, तो मोहिनी कहती है ,क्या बात करनी है बाबु जी ,तो रोहन कहता है ,,, मोहिनी मुझे इस जंगल से निकलने मे मेरी मदद कर दो प्लीज ,,, , मै तुम्हारा बहुत एहसानमंद रहूंगा ,प्लीज मोहिनी मेरी मदद करो ,,,,
" फिर मोहिनी कहती है ,बाबु जी अभी आप सो जाइये हम कल सुबह बात करेगे ,तो रोहन कहता है ,अगर कल सुबह फिर तुम गायब हो गई तो ,,,,, रोहन की इस बात पर मोहिनी हंसते हुए कहती है ,बाबु जी मै काम पर जाती हूं ,कही गायब नही होती हूं ,और आने मे रात हो जाती है ,,,,,,,,
"तो रोहन कहता है ,मोहिनी कल रात तुमने मुझसे ये क्यु नही कहॉ की मै यहॉ से बाहर नही निकल पाऊगा तो मै यहॉ नही आता ,तो मोहिनी बोली ,,, बाबु जी ,आप यहॉ आते चाहे नही आते , आप फिर भी इस जंगल से बाहर नही निकल पाते , कयुकि आप अपने घर जाने के लिए जो रास्ता पकडा ,,,, वो गलत रास्ता पकडा ,आपको इस रास्ते मे आना ही नही चहिए था ,,,,,,
" तो रोहन कहता है ,अब तो गलती हो गई , अब इस गलती को कैसे सुधारू तुम ही बताव ,तो वो कहती है ,,,,,, बाबु जी मेने कहॉ ना आप सो जाईये ,हम सुबह बात करेगे ,,,, मुझे बहुत सारे काम करने है ,मुझे लेट हो रही है ,,बोलकर वो जाने लगती है ,,,, फिर दरवाजे तक पहुंच कर कहती है ,बाबु जी ये पानी जरूर पी लेना ,अच्छी नींद आएगी ,,,,, बोलकर वो बाहर निकल जाती है ,,,,,
"उसके जाने के बाद रोहन कहता है ,आखिर ये मुझे इस पानी को पीने के लिए इतना जोर क्यु दे रही है ,इस पानी मे है क्या,, फिर रोहन उस पानी को ना पीकर उसे भी फेक देता है ,,,,, और सोचने लगता है कि वो कहॉ फंस गया है ,,,, तभी उसकी कानो मे कुछ आवाज आने लगी ,,,, जैसे कोई उसे बुला रहा हो ,,,, आवाज सुनकर रोहन डर के मारे एक कोने मे जाकर बैठ जाता है ,,,,,
" पहले वो आवाज धिरे-धिरे आ रही थी ,फिर आचानक से वो आवाज तेज हो गई , उस आवाज मे एक आजीब सी खिचाव था ,जो रोहन को बार-बार आपनी और खीच रही थी ,,,, रोहन का मन हो रहा था कि वो उस आवाज के पीछे जाऐ मगर फिर भी वो अपने को उसी कोने मे बैठाया हुआ था ,,,,,, वो आवाज कभी हंस रही थी ,,, तो कभी बाबु जी-बाबु -जी कह कर बुला रही थी ,,, तो कभी रोने लगती ,,, इन आवाज का आना काफी देर तक चलता रहा ,,,,, ,,,
"फिर रोहन अपने मन ही मन मे हनुमान चालीसा जपने लगा , जब तक आवाज आती रही वो जाप करते रहा ,फिर कुछ देर के बाद वो आवाज आनी बंद हो गई ,,,,, जब रोहन देखा कि अब आवाज नही आ रही है तो ,फिर वो जाप करना बंद करता है ,,,,,,
" बहुत देर, तक जब आवाज नही आती है तो ,वो कोने से उठकर खाट मे जाकर बैठता है ,,,, और सोचन लगता है ,,,, हे भगवान,,,,,,, क्या मै जिन्दा बच पाऊगा ,,, क्या मै अपने घर नही पहुंच पाऊगा ,,,,, क्या आरती ,,,, जैसे ही वो आरती का न लेता है ,तो सोचने लगता है कि ,,,, , क्या आरती ने मेरा मैसेज देखा होगा , अगर देख भी लिया होगा तो भी कोई फायदा नही है ,क्युकि वो मुझ तक पहुंच ही नही पाएगी ,,,,, ,
"मुझे ही यहॉ से निकलने के लिए कोई रास्ता ढुडना होगा ,पर क्या,,,,,,,, लेकिन मै जिन्दा बचुगॉ तब तो यहॉ से निकलुगा ,,,,, बस किसी तरह से ये रात कट जाए ,,,,,,, फिर रोहन के कानो मै पायल बजने की आवाज आती है ,,,,, जैसे ही आवाज आती है वो फिर डर जाता है ,
"लगातार आवाज आने से रोहन खिडकी से बाहर देखने की कोशिश करता है कि ये पायल की आवाज कहॉ से आ रही है ,पर बाहर उसे सब धुधला-धुधला दिखाई दे रहा था ,,,, फिर कुछ देर के बाद वो देखता है कि एक औरत सफेद साडी पहनी हुई है ,और हाथो मे एक मोमबत्ती लिये हुए कही जा रही है ,,,,, और वो उसी तरफ जा रही थी जिस तरफ से रोहन उस झोपडी तक आया था ,,,,,
"फिर रोहन के दिमाग मे कुछ आता है ,और वो झोपडी से निकलकर उस औरत के पीछे -पीछे चलने लगता है ,कुछ दुर चलने के बाद वो सोचने लगता है , ये तो वही रास्ता है जिससे मोहिनी उसे लेकर आयी थी ,,,,,, लेकिन ये औरत कौन है ,,,,, और कहॉ जा रही है ,,,, सुबह से तो ये मुझे नही दिखी और मोहिनी ने तो सफेद साडी पहनी नही थी ,,,,,, तो फिर ये कौन है ,और मोहिनी किधर थी ,,,,,,
"रोहन के मन मे कई सवाल चल रहे थे ,,,,, फिर वो उस औरत के पीछे चलते-चलते उस जगह पहुंच गया जहॉ पर वो मोहिनी से टकराया था ,, और ठीक कुछ दुर पर वो पॉल दिखा जहॉ पर मोहिनी ने उसे बैठाया था ,,,,, फिर वो देखता है वो औरत उसी तरफ जा रही है ,जाहॉ से कल रात वो भागता हुआ आया था ,,,,
"मगर रोहन को इस बात की खुशी हो रही थी कि कम से कम वो उस जगह तो पहुंच गया जहॉ से वो उस भूलभुलैया मे घुस गया था ,,,, क्युकि वहॉ से बाहर निकलने का रास्ता दिखाई दे रहा था ,,,,, फिर वो सोचने लगता है क्या करू उस औरत के पीछे जाकर देखु की वो कहॉ जा रही है ,,,,, या अपने घर के तरफ निकल जाऊ ,,,,,,
" लेकिन वो देखना चाह रहा था कि वो औरत कौन है ,और किधर जा रही है ,,,,, फिर वो उस औरत के पीछे चल पडता है ,,,,,,, फिर कुछ देर चलने के बाद देखता है कि वो औरत उसी तलाब की ओर जा रही है ,जहॉ कल रोहन ने उस औरत को देखा था जिसका मूंह खुन से भरा हुआ था ,,,, फिर उसके मन मे लगता है कि ,कही ये कल वाली औरत तो नही है ,,,,,, अगर ऐसा है तो मुझे यहॉ से निकलना चाहिए,,,,,, ,,,फिर उसको लगता है ,कि ये औरत आज भी अपना कोई शिकार ढुडने आयी। होगी ,,,,,,,,
"तभी रोहन को एक कार आती हुई दिखाई पडती है ,,, गाडी देखकर रोहन खुश हो जाता है कि चलो कम से कम कुछ तो दिखाई दिया ,जैसे ही वो गाडी पास आने का इंतजार कर रहा था ठिक उसके पहले ही वो औरत उस गाडी के सामने जाकर खडी हो जाती है ,और उस गाडी को रोकने के लिए बीच रोड मे आ जाती है ,,,,,
फिर वो गाडी उस औरत को देखकर रूक जाती है ,,,,, फिर वो औरत उस गाडी के अंदर बैठे इन्सान से कुछ कह रही थी ,,,,,
" पर रोहन बहुत दुर मे खडा था इसलिए उसे कुछ सुनाई नही दे रहा था कि वो क्या बोल रही है ,,,,, और वो सोच रहा था की। अभीतक उस गाडी से कोई उतर क्यु नही रहा है,,,, और वो औरत उस गाडी वाले से क्या कह रही है थी ,,,, रोहन को कुछ समझ मे नही आ रहा था ,,,,,,,,,
"क्या रोहन उस जंगल से निकल पाएगा ,या फिर किसी मुसीबत मे फंसेगा "!
"उस गाडी के अंदर कौन है ,जो अभी तक गाडी से बाहर नही निकल रहा था '"!
"वो औरत उस गाडी वाले से क्या बोल रही थी "!
धन्यवाद !!