भूलभुलैया। ************
"सुबह के चार बज रहे थे ,अभी भी चारो तरफ ऑधेरा छाया हुआ था ,,,, फिर आचानक से रोहन की नींद खुलती है ,और अपने पास मोहिनी को सोता देख घबरा जात है ,और सोचने लगा कि मोहिनी मेरे पास कब आकर सो गई , रात को क्या हुआ था ,मुझे कुछ याद क्यु नही आ रहा , मै तो खाट पर सो रहा था ,तो फिर मोहिनी कब मेरे पास आकर सो गई ,उसने कहॉ था कि वो बाहर सोएगी ,,, फिर मेरे साथ कैसे ,,,,, आखिर ऐसा क्या हुआ रात मे जो ये मेरे पास आकर सो गई,,,, मुझे कुछ याद क्यु नही आ रहा "•••••• ?
" फिर वो मोहिनी के उठने से पहले वहॉ से भागने की कोशिश करता है ,जैसे ही वो झोपडी से बाहर कदम रखता है ,पीछे से आवाज आती है क्या हुआ बाबु जी आप ऐसे बिना बताए चले जा रहे है ,तो वो कहता है ,नही तुम सो रही थी इसलिए तुमको जागना ठीक नही समझा ,और फिर मुझे देरी भी हो रही है ,ऑफिस पहुंचने मे लेट हो जाएगा ,तो ठीक है मै चलता हूं तुम अपना ख्याल रखना ,बोलकर रोहन जाने लगता है "•••••••••• ?
" तभी मोहिनी कहती है ,वह बाबु जी रात गई बात गई ,आप तो बहुत मतलबी इन्सान हो ,मतलब निकल गया उसके बाद चल दिये ,ये भी नही कहॉ की रात मे जो कुछ भी हुआ उसके लिए मुझे माफ कर दो "••••••• ?
" इस बात पर रोहन कहता है ,मतलब कैसा मतलब ,,,,, मैने क्या तुम्हारे साथ मतलब निकाला ,,,,तो वो कहती है ,बाबु जी पुरी रात मेरे साथ बीताकर कह रहे हो कि आपने क्या किया ,,,,, इसपर रोहन कहता है ,,,,,,मेने तुम्हारे साथ रात बिताई ,,,,,, अगर ऐसी बात थी तो मुझे कुछ याद क्यु नही आ रहा है ,जब सुबह उठा तो तुमेह अपने बगल मे सोया पाया ,,,, ये देखकर मुझे अजीब लगा ,इसलिए मै उठकर जाने लगा ,,,,, अगर तुम्हारे साथ पुरी रात बिताता तो कुछ तो याद रहता "••••?
" मोहिनी कहती है ,मुझे वो सब नही मालुम बाबु जी अब आप यहॉ से कही नही जा सकते ,आपको यही रहना होगा मेरे पास ,,,,,, तो रोहन कहता है ,,,,, तुम पागल हो गई हो क्या ,,,, मै यहॉ क्यु रहूगा ,,,, तो वो बोली ठीक है आप मुझे अपने साथ ले चालिए ,अगर आप यहॉ नही रह सकते है तो मै तो आपके साथ जा सकती हूं ,,,, तो रोहन बोला ,,,,,, बेवकूफी वाला बात मत करो मोहिनी मै तुमेह कही नही लेकर जा रहा ,,, समझी तुम ,,,,, बोलकर वो जाने लगा "••••••••••?
"तभी पिछे से मोहिनी चिल्लाते हुए कहती है ,बाबु जी आप इस जंगल से नही निकल पाओगे ,यहॉ से निकलने के लिए आपको मेरी जरूरत पडेगी ,,,,,, फिर भी रोहन उसकी बात को नही सुनता है ,और चलते रहता है ,••••••• ?
"फिर जैसे-जैसे रोहन जंगल से निकलना चाह रहा था ,वो निकल नही पा रहा था ,घुम फिर कर वो उसी जगह पहुंच जा रहा था ,जहॉ से वो निकलना शुरू किया था ,,,, कम से कम चार-पॉच बार उसके साथ ऐसा हो चुका ,,, , फिर वो थक कर एक पेड के नीचे बैठ गया ,,,, और सोचने लगा कि ,,,, रात मे जब मै मोहिनी के साथ आ रहा था तो दस मिनट मे उसके घर पहुंच गया ,तो फिर मुझे अभी इतनी देर क्यु लग रही है निकलने मे ,और, फिर, मै घूमफिर कर वही क्यु पहुंच जा रहा हूं जहॉ से चलना शुरू करता हूं ,,,, फिर वो सोचने लगता है कि मुझे बाहर जाने का रास्ता क्यु नही मिल रहा ,,, , ये मै कहॉ आकर फंस गया ,,,,, इससे अच्छा होता कि मै अपने घर चला गया होता ,कम से कम इस मुसीबत मै तो नही फंसता ,,,, , फिर वो वही बैठकर कुछ सोचने लगता है ••••••••••••• ?
"रोहन एक बार फिर जंगल से निकलने की कोशिश करता है ,और वो रास्ता उसके लिए इतना लम्बा हो रहा था कि वो रास्ता ख़त्म होने का नाम ही नही ले रहा था ,,,,, पुरा दिन उसे जंगल से निकलने मे लग गया मगर वो नही निकल पाया ,,,, फिर वो सोचता है कि ,जाकर मोहिनी से कहता हूं कि वो मुझे इस जंगल से निकाल दे ,कही फिर रात हो गई थी मुसीबत हो जाएगी ,ये सोचकर वो मोहिनी की झोपडी के तरफ बढने लगता है ,••••••••••• ?
"फिर वो उसी जगह पहुंचता है जहॉ मोहिनी उसे रात मे लेकर आयी थी , मगर उसे वहॉ कुछ नही दिखता है ,ना उसे मोहिनी दिखती है ,और ना उसे कोई झोपडी दिखता है ,ये देखकर वो और परेशान हो जाता है ,फिर वो मन ही मन सोचने लगता है कि ,कल रात यही पर तो वो झोपडी थी ,,,,,,, अभी वो कहॉ गई,,और मोहिनी कहॉ है ,वो भी मुझे नही दिख रही ,,,, ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है ,कभी कुछ चीजे दिखती है ,तो कभी नही दिखती है ,,,,, लगता है मै पागल हो जाऊगा ,,,, अब मै क्या करू कैसे इस जंगल से बाहर निकलु "••••••••• ?
"दिनभर भूखे प्यासे रहने से रोहन को चक्कर आने लगता है ,फिर वो थक हार कर एक जगह बैठ जाता है ,,,, फिर वो सोचने लगता है ,अगर रात हो गई तो , मै इन ऑधेरी जंगल मे कहॉ भटकता रहुगा,,,,, कही रात होते ही वही सब आवाज ना सुनाई दे ,जो कल रात सुनाई दे रही थी ,,,,,, कल रात तो मोहिनी मिल गई थी ,,, मगर आज उसका भी कुछ पता नही ,,,
जैसे-जैसे रात हो रही थी रोहन का डर बढते जा रहा था ,और वो सोच रहा था कि ,,,, कल रात से मै घर नही गया हूं , पता नही सब मेरी कितनी चिन्ता कर रहे होगे ,,,,,, फिर आचानक से उसके दिमाग की घंटी बजती है ,और अपना फोन ढुडने लगता है ,पर उसे अपना फोन नही मिलता है ,उसे लगता है वो फोन कही उसी झोपडी मे तो नही रह गई,,ये सोचकर वो उस घर को ढुबने लगता है ,,, जो कल यहॉ पर थी ,फिर वो आसपास जाकर देखता है ,फिर भी वो घर उसे नही दिखता है ,••••••••••?
" जैसे ही वो झरने के पास पहुंचता है ,उसे लगता है कि वो यहॉ आ चुका है ,पर कब ये उसे याद नही आ रहा था ,फिर उस पेड के पास जाकर खडा होता है ,,,,, जहॉ कल रात वो खडा था ,और उसे लगत है कि वो यहॉ से खडे होकर किसी को देख रहा था ,पर किसे ,,,, बहुत सोचने के बाद भी उसे कुछ याद नही आता है ,,,, फिर जैसे ही वो वहॉ से जाने को होता है ,ठीक उस पेड के नीचे उसका मोबाइल दिखता है ,,,,,, और मोबाइल को उठाते हुए सोचता है कि ,,, मेरा मोबाइल यहॉ पर कैसे ,,,, क्या मै कल रात यहॉ पर आया था ,,,, अगर आया था तो मुझे कुछ याद क्यु नही ,•••••••••• ?
"फिर वो फोन मे देखता है कि बैट्री है या नही ,फिर जब वो अपना फोन ओन करता है तो फोन ओन हो जाता है ,फिर वो घर फोन करने जाता है ,फिर कुछ सोचकर ऑफ कर देता है ,और कहता है ,नही घर फोन करूगा तो सब परेशान हो जाएगे ऐसा करता हूं आरती को फोन करके बुलता हूं ,फिर वो आरती को फोन करने लगता है ,••••••• ?????
" आरती कौन रहती है ,जो रोहन घर फोन ना करके आरती को करता है ,•••••"??????
" क्या मोहिनी ,,रोहन को दोबारा मिलेगी या फिर रोहन इसी भूलभुलैया मे घूमता रह जाएगा "••••??????
धन्यवाद !!