हम सभी इस घटना से पहले भी समाचार पत्र के लेखों में पढ़ चुके हैं आज हम सभी इस घटना को पढ़ते हैं। पंजाब के हर चुनाव में बिजली, पानी, बीजों, ग्राह्यों पर सब्सिडी की ब
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इंसान कभी गरीब नहीं होता गरीब होती हे सोच वो चाहे देवता बन सकता हे और वो चाहे तो दैत्य ! वो चाहे तो पहाड़ को चीर सकता हे , वो चाहे तो हवाओ की दिशा भी बदल सकता हे ! सब इंसान के हाथो में होता हे !🙏🙏
आज बात पहले रियल लाइफ की करते है , आज के न्यूज़ पेपर में आया था कि एक पिता अपने बेटे के गम को बर्दाश्त नहीं कर सका इसलिए वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या कर लेता हैं , हम मानते हैं कि किसी मौत का गम इतना होता कि इंसान अपना सुध - बुद्ध खो बैठता हैं लेकिन क्या उसे ये सब करना चाहिए था , जबकि उनकी दो ब
मैंने कुछ दिन पहले एक सीरियल देखा अनुपमा जिसमे अनुपमा की सास अपनी बहु को कहती है कि अगर पति गलती कर के वापिस लौट आये तो उसे माफ़ कर देना चाइए क्युकी औरत तो देवी होती है और उसमे सहनशक्ति होती है , वो ही घर बनाती है , वो अपने बेटे का पक्ष ले रही थी ये जानते हु
सोच बदलो।रोज़ रोज के शिसकने से अच्छा, एक दिन जी भर कर रो ले।सरकार की नीयत में खोट से, बेरोजगारी को निःसंकोच झेल ले।धरना प्रदर्शन को कोरोना वायरस ने, मूली की तरह निगल लिया।लोकडाउन भी अब, अनलॉक डाऊन में सरकार ने बदल दिया।एडमिशन पेपरों को लेकर, सरकार अड़ गई, विद्यार्थियों ने पहचान लिया।नई शिक्षा नीति के
जिंदगी किसी है पहेली एक बार जरूर पडे लेख अटैच फाइल में दिया गया है
नमस्ते ,दोस्तों भगवान ने हम सभी को एक जैसा बनाया हे,इंसान बड़ा या छोटा अपने कर्मो से होता हे या फिर कही न कही उसकी काबिलियत में कुछ कमी होती हे तो वह अपने आप को दुसरो से छोटा समझने लगते पर अपनी कमियों को दूर नहीं करते और निराश हो ज
मानव और उसकी सोच यात्रा के समान ही चलती है जिस तरह मानव धन कमाने हेतु विचरन करते रहता है ठीक उसी तरह यात्रा करने के साथ उसकी सोच भी विचरन को विवश रहता है जिस मनःसथिती से वह विचरन कर रहा होता है मानो हर पल वह बेचैन मन से चला करता है कया होगा कैसे होगा यह सब सोचते ही विचलित मन से यात्रा पर चलता रहना ह
छोटी सोच हो या पैर की मोच, कभी आगे नहीं बढ़ने देती. जहां छोटी सोच के चलते नीयत डोलने में देर नहीं लगती,वहीं पैर की मोच अपाहिज बना देती है. बाकी बची दुनिया, जिसके पीछे पड़ जाए, तो ऐसे पड़ती है कि जैसे खुद दूध की धुली हो. किसी काम की सकारात्मक या नकारात्मक समीक्षा हो सकती है. लेकिन किसी के अस्तित्व को
में कुछ ऐसे लोगों के साथ काम कर रहा हूं जो बहुत बुद्धिमान, बहुत सक्षम और बहुत प्रतिभाशाली हैं – लेकिन वे अनिर्णय और विश्लेषण पक्षाघात में फंस जाते हैं।वास्तव में, अंतहीन विकल्पों में से उखाड़ फेंकना और खो जाना निष्क्रियता पैदा करके उनकी प्रभावशीलता और बुद्धिमत्ता को क
सफलता किसकी आज सोमवार है और प्रत्येक सोमवार को सकारात्मक सोच की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में बताएंगे कि सफलता किसकी होती है?विस्तार से जानने के लिए नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करें- Loading playlists... YouTube